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नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 3500 रुपए से 157.14 प्रतिशत बढ़कर 9 हज़ार रुपए हो जाएगी। कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने सातवें वेतन आयोग की पेंशनधारकों के लिए की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। ग्रेचुटी की सीमा भी मौजूद 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी गई है। आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि जब कभी भी मंहगाई भत्ता 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाए तो ग्रेचुटी की अंतिम सीमा भी 25 प्रतिशत से बढ़ा दी जाए। सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कुल 58 लाख पेंशनभोगी कर्मचारी हैं। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक पेंशन की रकम न्यूनतम 9 हज़ार रुपए और अधिकतम 1 लाख 25 हज़ार होगी। उल्लेखनीय है कि सरकार में उच्चतम वेतन एक जनवरी 2016 से 2,50,000 रुपये होगा। आदेश के अनुसार सेवानिवृत्ति ग्रेचुटी और मृत्यु के बाद मिलने वाली ग्रेचुटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये रहेगी। मृत्यु पर मिलने वाली मुआवज़ा राशि नई व्यवस्था के तहत असैन्य व सैन्य बलों में निकटवर्ती परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। आतंकवादी और असामाजिक तत्वों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई में हुई मौत या सरकारी कामकाज के दौरान किसी दुर्घटना में मौत पर मिलने वाली मुआवज़ा राशि मौजूद 10 लाख रुपये से बढाकर 25 लाख रुपये की गई है।

इसी तरह आतंकवादियों या उग्रवादियों और समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हुई मौत या बहुत ऊंचाई पर, दुर्गम सीमा चौकियों पर ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर मिलने वाली मुआवजा राशि को 35 लाख रुपये किया गया है जो पहले 15 लाख रुपये थी। युद्ध या युद्ध जैसे हालातों में दुश्मन की कार्रवाई में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों को अब 45 लाख रुपये मिलेंगे जबकि पहले यह राशि 20 लाख रुपये थी. नियत चिकित्सा भत्ते व लगातार हाजिरी भत्ते पर आयोग की सिफारिशों पर विचार क लिए सचिवों की एक समिति गठित की गई है।

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