इस्लामाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को उसकी सरजमीं पर ही खरी-खरी सुनाई। दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ ने दो टूक कहा कि आतंकियों के साथ आतंकवाद फैलाने वाले देशों पर भी कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। गृह मंत्री ने बिना लाग लपेट के कहा कि आतंकवाद और आतंकवादियों की सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा। जो लोग आतंकियों को शहीद बताकर उन्हें महिमामंडित करते हैं, उन्हें भी बेनकाब किया जान्ए। राजनाथ ने इस टिप्पणी के जरिये पाक के पीएम नवाज शरीफ को जवाब दिया, जिन्होंने हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की तारीफ की थी। गृह मंत्री ने कहा कि अच्छा आतंकवाद या बुरा आतंकवाद नहीं होता, लिहाजा आतंकियों के साथ आतंकी संगठनों, आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों पर भी शिकंजा कसा जाना जरूरी है। जो आतंकवाद को समर्थन-प्रोत्साहन के साथ आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं, उन देशों को अलग-थलग किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान एक ओर तालिबान से लड़ाई की बात करता है, दूसरी ओर भारत से लगी सीमा में लश्कर ए तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों को समर्थन दे रहा है। अफगान सरकार भी पाक पर हक्कानी गुट समेत कई आतंकी संगठनों को पालने-पोसने का आरोप लगाती रही है। आतंकवाद, नशीले पदार्थ, तस्करी और अवैध घुसपैठ के मुद्दे को लेकर यह सम्मेलन बुलाया गया था। दिसंबर में पीएम नरेंद्र मोदी की शरीफ के जन्मदिन पर अचानक लाहौर यात्रा के बाद यह भारत के किसी शीर्ष अधिकारी की पहला पाकिस्तान दौरा था।
जनवरी में पठानकोट हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। राजनाथ ने अन्य दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के साथ शरीफ से औपचारिक मुलाकात की। लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए द्विपक्षीय बैठक का कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच बुधवार रात लंबे विचार-विमर्श के बाद राजनाथ के इस बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया गया था। राजनाथ पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान की ओर से दिए गए भोज में शामिल नहीं हुए। दरअसल, दक्षेस की बैठक खत्म होने के तुरंत बाद निसार अली वहां से रवाना हो गए, जबकि वह खुद भोज के मेजबान थे। इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी वहां रुकना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने होटल में अपने सहयोगियों के साथ भोजन किया। दक्षेस सम्मेलन की शुरुआत में पाक के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने यह कहकर माहौल को बिगाड़ दिया कि भारत के कब्जे वाले कश्मीर में सरकारी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जो आतंकवाद जैसा है। कश्मीर में जेहाद को जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष और आतंकवाद में फर्क है। मुंबई हमले के बाद पठानकोट हमले में पाक के ढुलमुल रवैये को लेकर भारत के सख्त तेवर से घबराए पाकिस्तान ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन का प्रसारण करने की मंजूरी भी विदेशी मीडिया को नहीं दी। भारत ही नहीं, पाक के सरकारी टीवी चैनल पीटीवी को भी इसके सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं मिली।