नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों के लिये अच्छी खबर है। उन्हें 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप अगस्त में मिलने वाले वेतन के साथ ही पिछले बकाये का भी एकमुश्त भुगतान कर दिया जायेगा। सरकार पहले ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को अधिसूचित कर चुकी है। इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना वृद्धि होगी। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की कुल संख्या करीब एक करोड़ है। वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से अमल में आयेंगी। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एक जनवरी 2016 से दिये जाने वाले नये वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल होगा। यह महंगाई भत्ता पुराने वेतन का हिस्सा है। नये वेतनमानों के साथ महंगाई भत्ते की पहली किस्त के बारे में घोषणा बाद में की जायेगी। वित्त मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि जीपीएफ और एनपीएस के मद में जरूरी समायोजन करते हुए एक जनवरी 2016 से लेकर अब तक के बकाये वेतन का भुगतान अगस्त के वेतन के साथ एकमुश्त नकद कर दिया जायेगा। इस बीच, हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह केन्द्र सरकार की तर्ज पर ही 7वें वेतन आयोग को राज्य में लागू करेगी। राज्य के वित्त मंत्री अभिमन्यु ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति माधवन समिति की सिफारिशों का अध्ययन कर रही है। राज्य कर्मचारियों के व्यापक हित में इसे भी अमल में लाया जायेगा।
7वे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केन्द्र सरकार में एक जनवरी 2016 से न्यूनतम वेतन पहले के 7,000 रूपये से बढ़कर 18,000 रूपये मासिक होगा। जबकि कैबिनेट सचिव के स्तर पर यह 90,000 रूपये से बढ़कर 2.5 लाख रूपये मासिक होगा। नई व्यवस्था के मुताबिक वेतन वृद्धि के लिये वर्ष में दो दिन तय किये गये हैं। एक जनवरी और एक जुलाई दो दिन सालाना इंक्रीमेंट के लिये तय किये गये हैं। वर्तमान में केवल एक जुलाई ही इसके लिये तय था। लेकिन एक कर्मचारी को साल में एक बार ही इंक्रीमेंट मिलेगा। वित्त मंत्रालय के निर्देश के अनुसार एरियर के भुगतान से पहले आयकर भी काटा जायेगा। जनवरी से लेकर जुलाई-2016 तक के बकाये का भुगतान एकमुश्त करने के लिये निर्देश में कहा गया है कि एरियर का भुगतान कर्मचारी का वेतन तय होने से पहले ही बिना जांच के किया जायेगा। हालांकि, ऐसे कर्मचारी जो सेवानिवृत हो चुके हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है अथवा जिन्हें नौकरी से हटाया गया है उनके मामले में वेतन तय हुये बिना, बिना पूर्व जांच के एरियर का भुगतान नहीं किया जायेगा। एरियर का भुगतान करते समय कर्मचारियों से लिखित में यह भी वचन लिया जायेगा कि बाद में विसंगति सामने आने के बाद यदि एरियर के तौर पर अधिक भुगतान किया पाया जाता है तो उसकी वसूली की जायेगी। वित्त मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों के बारे में (महंगाई भत्ते को छोड़कर) उनकी नई दर और लागू होने की तिथि के बारे में अधिसूचना बाद में जारी की जायेगी। नई तिथि और दर तय होने तक सभी पुराने भत्तों को मौजूदा दरों पर ही भुगतान होता रहेगा।