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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केन्द्र से सुरक्षा एजेंसियों के हाथों घाटी में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की ‘जमीनी वास्तविक्ताओं’ को बताने वाली स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि वरिष्ठ वकील और जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया। इस याचिका में राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने की मांग की गई है। पीठ ने कहा, ‘हम सालिसिटर जनरल (रंजीत कुमार) से स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहेंगे ताकि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।’ पीठ ने सिंह को चेताते हुए कहा कि अदालती कार्यवाही का ‘जनीतिक लाभ’ नहीं लिया जाए। इस पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। घाटी को ‘हर घंटे’ या ‘प्रतिदिन’ के आधार पर बदलने वाली ‘भिन्न’ स्थिति का बताते हुए अदालत ने कहा कि अगर हमें पता चला कि आप अदालती कार्यवाही का राजनीतिक लाभ ले रहे हैं तो हम आपके खिलाफ कड़ा रुख अपनायेंगे। इसलिये यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि राज्य में स्थिति को ‘न्यायिक रूप से’ नहीं संभाला जा सकता क्योंकि यह ‘राजनीतिक मुद्दा’ है। अदालत पहले इस जनहित याचिका को विचारार्थ स्वीकार करने की इच्छुक नहीं थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि पैलेट गन के उपयोग के कारण लोग अंधे हो रहे हैं और लोगों के लिए दवाएं और मेडिकल सुविधा नहीं है।

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