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नई दिल्ली: अमेरिका निर्मित हीलियम से भरा बैलून जिसे सुखोई-30 लड़ाकू विमान ने राजस्थान में मार गिराया था वह पाकिस्तान से आया था और यह भारत के प्रतिक्रिया व्यक्त करने में लगने वाले समय की टोह लेने का प्रयास हो सकता है। यह जानकारी आज (बुधवार) शीर्ष सरकारी सूत्र ने दी। रक्षा मंत्रालय ने अब विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर घटना के बारे में उसे सूचित किया है। तीन मीटर व्यास वाले चमकदार बैलून पर हैप्पी बर्थडे लिखा था। यह जैसलमेर जिले में तकरीबन 25000 फुट की उंचाई पर उड़ रहा था जब वायु सेना के रडार ने उन्हें देखा। गणतंत्र दिवस समारोह के मददेनजर वायु सेना के रडार हाई अलर्ट पर थे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से जब कल की घटना के बारे में यहां एक कार्यक्रम से इतर पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमारे रडार ने हमारे आकाशीय क्षेत्र में एक चमकदार उड़ती हुई वस्तु को देखा।

एक लड़ाकू विमान को फौरन रवाना किया गया और उसने उसे मार गिराया। भारतीय वायु सेना ने एक वक्तव्य में बताया, कड़े सुरक्षा अलर्ट के कारण बैलून को मार गिराया गया क्योंकि उसमें अज्ञात सामग्री हो सकती थी। हालांकि, मलबे का विश्लेषण करने पर यह स्थापित हुआ कि कोई खतरनाक सामग्री नहीं थी।

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