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नई दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को बिजली मंत्री पीयूष गोयल और सपा सदस्यों के बीच उत्तर प्रदेश के गांवों में विद्युतीकरण को लेकर तीखी नोंकझोंक हुई और सभापति हामिद अंसारी को हस्तक्षेप करना पड़ा। सपा सदस्यों ने मंत्री के जवाब से असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया। राज्यसभा में यह नजारा प्रश्नकाल के दौरान देखने को मिला, जब पीयूष गोयल सपा सदस्य नरेश अग्रवाल के उत्तर प्रदेश के गांवों में बिजली पहुंचाने से जुड़े पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। सभापति ने सपा सदस्यों से संयम बरतने और संसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने को कहा। नरेश अग्रवाल और नीरज शेखर सहित अन्य सपा सदस्यों का आरोप था कि मंत्री का जवाब सही नहीं है। इसी क्रम में उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिस पर सदन में मौजूद दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और उमा भारती ने भी आपत्ति जताई। गडकरी ने कहा कि अगर सदस्य को लगता है कि मंत्री का जवाब गलत है, तो वे विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे सकते हैं। अंसारी ने सदस्यों से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि एक या दो सवालों में ही ज्यादा समय नहीं लगा दिया जाना चाहिए और अन्य सदस्यों को भी अपने सवाल पूछने का मौका मिलना चाहिए। मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा था, 'उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, 1 अप्रैल, 2015 की स्थिति के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1529 गांव ऐसे थे जो विद्युतीकृत नहीं थे।

दिनांक 17 जुलाई, 2016 की स्थिति के अनुसार दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 1356 गांवों में विद्युतीकरण के कार्य पूरे कर दिए गए हैं। शेष गैर-विद्युतीकृत गांवों को मई, 2018 से पहले विद्युतीकरण किए जाने का लक्ष्य है।' अग्रवाल ने कहा कि इस जवाब के अनुसार 200 से भी कम गांव गैर-विद्युतीकृत हैं, जो सही नहीं है। उन्होंने सरकार और मंत्री पर राज्य सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। इस पर गोयल ने कहा कि सपा सदस्य दो विषयों - विद्युतीकरण और गांवों के गहन विद्युतीकरण को आपस में मिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़े राज्य सरकार द्वारा दिए गए जाते हैं और ये केंद्र सरकार के आंकड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों को स्वीकार किया है। मंत्री के जवाब से असंतोष जताते हुए सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

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