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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम कार्य दिवस पर बीते पांच साल के कार्यकाल में हुए कामकाज और सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बुलंद हौसले का संकेत देते हुए कहा कि वे चुनौतियों का आनंद लेते हैं।

राम मंदिर पर प्रस्ताव अहम: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, हमें विकास कार्यो को आगे बढ़ाना है। चुनाव बहुत दूर नहीं है। यह लोकतंत्र का आवश्यक पहलू है और हम सब इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। हमारा लोकतंत्र पूरे विश्व को अचंभित कर रहा है। मुझे विश्वास है यह ऐसे ही बना रहेगा। मुझ पर तो परमात्मा की कृपा रही है कि जब चुनौती आती है तो मैं ज्यादा निखरता हूं। हम हर चुनौतियों का सामना कर पाए हैं।

उन्होंने कहा, आज राम मंदिर को लेकर सदन ने जो प्रस्ताव पारित किया, वो आने वाली पीढ़ी को इस देश के मूल्यों पर गर्व करने की संवैधानिक शक्ति दे रहा है। ये सही है हर किसी में ऐसा समार्थ्य नहीं होता है कि इन चीजों पर गर्वान्वित महसूस करे।

पीएम मोदी ने आगे कहा, लेकिन फिर भी इस सदन में भविष्य को लेकर जो बातें हुई हैं, उसमें संवेदना, संकल्प और सहानुभूति तीनों का समावेश है। सांसदों ने जो बातें कहीं, उनमें सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को आगे बढ़ाने का तत्व भी है।

उन्होंने कहा, 21 वीं सदी में हमारी बेसिक आवश्यकताएं बदल रही है। जिन पर हमारा ध्यान नहीं था, वो अब अमूल्य हो गया है। जैसे डेटा...जिसकी दुनिया में चर्चा है। एक बिल लाकर हमने पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित किया है। कुछ लोग चुनाव के आते ही घबराने लगते हैं। राम मंदिर पर प्रस्ताव अहम है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम देश की भावी पीढ़ी के लिए हमेशा कुछ न कुछ अच्छा करते रहेंगे। ये सदन हमें प्ररेणा देता रहेगा। सामूहिक संकल्प, सामूहिक शक्ति के साथ उत्तम से उत्तम काम करेंगे। उन्होंने कहा, हम भारत की भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करते रहेंगे।

भारत की संस्कृति और रामायण को अलग नहीं देखा ही जा सकता: शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शनिवार को नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज किसी का जवाब नहीं दूंगा। मैं मन की बात और जनता के मन की बात देश के सामने रखना चाहता हूं। वह आवाज, जो वर्षों से अदालत के कागजों में दबी हुई थी। 22 जनवरी 2024 के बारे में भले ही कुछ लोग कुछ भी कहें, वह दिन दस सहस्त्र से भी ज्यादा वर्षों के लिए ऐतिहासिक दिन बना रहेगा।

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