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इंफाल: भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस मणिपुर के लोगों के साथ खड़ी है और राज्य को फिर से शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण बनाना चाहती है। गांधी ने सेनापति में अपनी बस के ऊपर खड़े होकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा की और इसका मकसद लोगों को एकजुट करना था।

उन्होंने कहा कि यह एक बहुत सफल यात्रा थी और इस दौरान वह 4,000 किलोमीटर पैदल चले। राहुल गांधी ने कहा कि हम पूर्व से पश्चिम तक एक और यात्रा करना चाहते थे और हमने तय किया कि मणिपुर से यात्रा शुरू करना सबसे प्रभावशाली बात होगी। इससे भारत के लोगों को पता चल सकेगा कि मणिपुर के लोग किस दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें किस कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और किन संघर्षों से जूझना पड़ रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं इस बात को समझता हूं कि आपने एक त्रासदी झेली है, आपने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, आपने संपत्ति गंवाई है और मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि हम आपके साथ पूरी तरह से खड़े हैं, हम मणिपुर में शांति वापस लाना चाहते हैं।

यहां राहुल गांधी के स्वागत में कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए। उन्होंने कहा कि वह राज्य के प्रतिनिधिमंडलों से बात कर रहे हैं और ये प्रतिनिधिमंडल उन्हें उन समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जिनका मणिपुर के लोग सामना कर रहे हैं।

मणिपुर हिंसा भाजपा-आरएसएस की समाज को बांटने की राजनीति का नतीजा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चुप्पी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया। सोमवार को मणिपुर में मीडिया से मुखातिब हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए मणिपुर हिंसा को भाजपा-आरएसएस की समाज को बांटने की राजनीति का नतीजा बताया।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में जो सामाजिक सद्भावना थी, वह पिछले साल तीन मई से बिगड़ गई है। लाखों लोग और परिवार विस्थापित हो चुके हैं। 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। भाजपा सरकार पर व्यंग्य कसते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर एकमात्र राज्य है, जिसके दो मंत्री पिछले आठ महीने से लापता हैं, जो केवल ऑनलाइन काम कर रहे हैं। यह कमाल का मंत्रिमंडल है। ये ऐसा मंत्रिमंडल है, जिसके मुख्यमंत्री आज तक प्रधानमंत्री मोदी से मिल नहीं पाया है। मणिपुर की राजनीतिक पार्टियां आठ महीने से लगातार मांग कर रही हैं कि वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं। उनको अभी तक बैठक का मौका नहीं मिला है।

कांग्रेस लेकर आई अविश्वास प्रस्ताव

जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। अविश्वास प्रस्ताव का एक मात्र उद्देश्य था कि पीएम मोदी मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ें। प्रधानमंत्री ने 123 मिनट का भाषण दिया, मगर मणिपुर पर सिर्फ साढ़े तीन मिनट ही बोले। उसमें भी कोई बड़ी बात नहीं कही। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का जिक्र करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कल और आज विभिन्न नागरिक संस्थाओं से मिले। पहले जब हम मणिपुर आते थे, तो मणिपुरी संस्थाओं से मिलते थे। आज मणिपुर में अलग-अलग समुदाय की संस्थाओं से मिलना पड़ रहा है। सभी लोगों ने राहुल गांधी से कहा है कि मणिपुर में एक संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और सशक्त शासन की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर की पीड़ा और संकट, पूरे देश का संकट है।

 

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