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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने गुरुवार को कई सुरक्षा परतों को पारकर संसद में प्रवेश करने का एक वीडियो फिल्माया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसको लेकर विभिन्न दलों के सांसदों ने उनकी आलोचना करते हुए उनके कृत्य को सुरक्षा का उल्लंघन बताया। वाइरल हुए वीडियो में मान को प्रवेश द्वार दर्शाते दिखाया गया है जिससे सांसद संसद भवन में प्रवेश करते हैं और वह कह रहे हैं कि कितनी मजबूत सुरक्षा है। सुरक्षा की कई परतों को पार करके शूट किए गए वीडियो में मान कह रहे हैं, ‘कार लोकसभा में पंजीकृत है। इसमें एक सेंसर हैं, जिसमें वाहन का विवरण है। जैसे ही आप गेट के निकट पहुंचते हैं, सेंसर कार की पहचान करती है और कार के नाम और नंबर की घोषणा करती है।’ कृत्य को उचित ठहराते हुए मान ने कहा कि उनकी मंशा यह दिखाने की थी कि कैसे शून्यकाल के प्रश्न जमा किए जाते हैं और अपने मुद्दों को उठाने की इच्छा रखने वाले सांसद लकी ड्रा के जरिए चुने जाते हैं। संसद भवन में जहां मान स्पष्ट कर रहे हैं कि कैसे प्रक्रिया काम करती है, वहीं एक स्टाफ ने उनसे अनुरोध किया कि वह कुछ भी नहीं फिल्माएं। संवाददाताओं के सवाल के जवाब में मान ने कहा, ‘क्या मेरे वीडियो ने संसद को खतरे में डाल दिया है। कैसे यह अवैध है। मैं फिर से वीडियो बनाऊंगा और इसे सोशल साइट पर डालूंगा। नोटिस आने दें।’

सांसदों ने मामले की जांच की मांग की। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने मांग की कि मान से उनके कृत्य के लिए सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ करनी चाहिए। लेखी ने कहा, ‘अगर ऐसा हुआ है तो वह सिर्फ मूखर्तावश या कुछ गैर जिम्मेदार ताकतों के इशारे पर हुआ है। भगवंत मान से सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग संसद में आते हैं उन्हें संसद में कोई कैमरा या पेन ड्राइव लेकर आने की अनुमति नहीं है। सिर्फ सांसदों और कुछ पुलिस अधिकारियों के पास वह विशेषाधिकार है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, खासतौर पर संसद पर आतंकवादी हमले के बाद।’ कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया ने कहा कि यह कृत्य सुरक्षा का उल्लंघन है। इस कृत्य को अनुचित बताते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उम्मीद जताई कि लोकसभा अध्यक्ष इस संबंध में समय पर और उचित कदम उठाएंगे। जद (यू) सांसद केसी त्यागी ने कहा, ‘मैं वीडियो से आश्चर्यचकित हूं। लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की सुरक्षा पर एक समिति बनाई है और वह अपनी रिपोर्ट सौंपगी। लेकिन हम कमियों के कारण डरे हुए हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री से हमारा अनुरोध है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएं।

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