नई दिल्ली: भारत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद भड़काने और सहयोग देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और उससे कहा कि वह पीओके पर अवैध कब्जा खाली करे। कश्मीर के हालात को लेकर पाकिस्तान में आयोजित हुईं भारत विरोधी रैलियों और दूसरे बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवाद को प्रोत्साहित और समर्थन करने की कड़ी भर्त्सना करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यह भी कहा कि इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग के समक्ष मार्च और प्रदर्शनों से पैदा हुए खतरे को देखते हुए पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों एवं उनके परिवारों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान और पीओके में बीते दो दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर के बारे में रैलियों, घटनाक्रमों और बयानों से जुड़ी खबरें देखी हैं। हमने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित उन लोगों की अगुवाई में हुए घटनाक्रमों का भी संज्ञान लिया है जिन्होंने अतीत में ओसामा बिन लादेन और तालिबान कमांडर अख्तर मंसूर के मारे जाने का भी विरोध किया था। स्वरूप ने कहा कि भारत उस प्रोत्साहन और समर्थन की कड़ी निंदा करता है जो इन आतंकवादियों एवं उनकी गतिविधियों को पाकिस्तान की शासन व्यवस्था से मिलता है।
उन्होंने कहा कि हम फिर से पाकिस्तान से कहते हैं कि वह हमारे देश के किसी भी हिस्से में हिंसा एवं आतंकवाद भड़काना और सहयोग देना बंद करे तथा किसी भी तरह से हमारे आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने से भी बाज आए। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में कश्मीर का विलय दिवस मनाया जाना जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र के लिए पाकिस्तान की लालसा को दिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत यह मांग करता है कि पाकिस्तान पीओके के अवैध कब्जे को खाली करने के अपने दायित्व को पूरा करे। भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह पीओके में तथाकथित चुनाव जैसी निर्थरक गतिविधियों के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और कश्मीरियों को गुमराह करना बंद करे।