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नई दिल्ली: मायावती को अपशब्द कहने के मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने सख्त कार्रवाई करते हुए यूपी के अपने नेता दयाशंकर सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिए है। पहले उन्हें यूपी के उपाध्यक्ष पद से हटाया गया था। लेकिन मामले की गम्भीरता को भांपते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अब पार्टी से बाहर कर दिया है। हांलांकि दयाशंकर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि अगर मेरी बात से कोई आहत है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा 'दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है। ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले व्यक्ति का बीजेपी में कोई स्थान नहीं है।' उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बयान देने में भाषा का ध्यान रखने की ताकीद करते हुए कहा है कि किसी पर टिप्पणी करने में मर्यादा का ध्यान रखें। गौरतलब है कि बीएसपी में कथित तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बेचे जाने को लेकर दयाशंकर ने मायावती पर ऐसी टिप्पणी कर दी थी जिसने सियासी बवाल को जन्म दे दिया है। दयाशंकर ने कहा था, 'मायावती टिकट बेच (चुनाव लड़ने के लिए) रही हैं...वे बेहद बड़ी नेता हैं, तीन बार की मुख्यमंत्री... लेकिन वे उन्हें टिकट दे रही हैं जो उन्हें एक करोड़ रुपये दे रहा है। यदि दोपहर को कोई दो करोड़ रुपये लेकर आ जाएगा तो वे उसे टिकट दे देंगी।

यदि कोई शाम को तीन करोड़ लेकर आएगा तो वे पिछले प्रत्याशी का टिकट खारिज करते हुए उसे बतौर प्रत्याशी चुन लेंगी। उनका चरित्र..... से भी बदतर है।' दयांशकर सिंह के इस बयान आज संसद में खूब हंगामा हुआ, जहां बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। मामले में सख्‍त तेवर अपनाने के संकेत देते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने संसद में कहा, 'देश को उस नेता को माफ नहीं करना चाहिए जिसने मुझे अपशब्‍द कहे।' संसद में इस दौरान कई नेता उनके पक्ष में खड़े नजर आए। मायावती ने कहा, 'संसद में और बाहर, ज्‍यादातर लोग मुझे 'बहनजी' या 'बहन' कहकर संबोधित करते हैं। ऐसे में जिस शख्‍स ने मेरे लिये ऐसा बयान देकर मुझे नहीं बल्कि अपनी बहन को ही अपशब्‍द कहे हैं। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा , 'यदि इस व्‍यक्ति के खिलाफ उसकी पार्टी (बीजेपी) ने कार्रवाई नहीं की तो पूरे देशभर में प्रदर्शन किये जाएंगी।' पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इस बयान के बाद दयाशंकर ने भी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी, हालांकि यह उनका उपाध्यक्ष पद बचाने के लिए काफी साबित नहीं हुआ। सिंह ने बलिया में कहा कि मायावती छोटे परिवार से निकली बड़ी नेता हैं। उनका मकसद किसी को दुख या किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर उनके मुंह से कोई ऐसी बात निकल गई हो, तो वह इसके लिए माफी चाहते हैं। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने पिछले माह यूपी विधान परिषद का चुनाव लड़ा था और उन्हें इसमें हार का सामना करना पड़ा था।

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