नई दिल्ली: नफरत भरे भाषण मामले में गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। हलफनामा साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश की अनुपालना में दाखिल किया गया है।
केंद्रीय मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हेट स्पीच के बाद लिंचिंग या भीड़ हिंसा से निपटने की घटनाओं की रणनीति तैयार करते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का कदम उठाया है।
नफरती भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिया था निर्देश
यह हलफनामा 17 जुलाई 2018 के तहसीन पूनावाला फैसले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में दायर किया गया है। नफरत भरे भाषण की घटनाओं के बारे में दायर याचिका पर कोर्ट द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया था।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नोडल अधिकारी
जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2018 के फैसले के अनुपालन में अपनी प्रतिक्रियाएं दाखिल की हैं। उनमें आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक है। वहीं लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ने भी नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।