नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में एथिक्स कमेटी ने जांच रिपोर्ट मंजूर कर ली है। संसद की एथिक्स कमेटी ने गुरुवार (9 नवंबर) को मीटिंग की। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी सांसद शामिल हुए। मीटिंग में चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने जांच रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के समर्थन में कमेटी के 6 सदस्यों ने वोटिंग की, जबकि 4 सदस्यों ने इसका विरोध किया। कमेटी ने आज की मीटिंग में महुआ मोइत्रा को भी शाम 4 बजे पेश होने को कहा था। हालांकि, मोइत्रा कमेटी के सामने पेश नहीं हुईं।
एथिक्स कमेटी की कंपोजिशन के मुताबिक, बहुमत एनडीए का है। कमेटी में चेयरमैन समेत कुल 15 सदस्य हैं। कमेटी में बीजेपी के 7 सदस्य हैं। महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले में जांच रिपोर्ट के पक्ष में परनीत कौर (कांग्रेस), हेमंत गोडसे (शिवसेना), सुमेधानंद (बीजेपी), अपराजिता सारंगी (बीजेपी), राजदीप रॉय (बीजेपी) और विनोद कुमार सोनकर (बीजेपी और चेयरमैन) ने वोट किए। जबकि बीएसपी सांसद दानिश अली, पीआर नटराजन (सीपीएम), वैथिलिंगम (कांग्रेस), गिरधारी यादव (जेडीयू) ने इसका विरोध किया।
अब कमेटी शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जांच रिपोर्ट भेजेगी। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है।
अब लोकसभा स्पीकर ही लेंगे फैसला: कमेटी के चेयरमैन
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने कहा, "महुआ मोइत्रा पर जो आरोप था, इसे लेकर एथिक्स कमेटी ने जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की थी। आज की मीटिंग का ये सिंगल एजेंडा था। इस मीटिंग में रिपोर्ट पेश की गई और इसे अडॉप्ट किया गया। रिपोर्ट के समर्थन में 6 सदस्य थे। 4 लोगों ने इसका विरोध किया है। कमेटी ने जांच के बाद जो फैक्ट और फाइंडिंग पाई है, उसकी डिटेल रिपोर्ट बनाकर अपनी सिफारिशों के साथ 10 नवंबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास भेजा जाएगा। अब इस मामले में आगे जो भी एक्शन लेना है, वो लोकसभा स्पीकर की तरफ से ही लिया जाएगा।"
घूसकांड के आरोपों पर महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं। इस दौरान महुआ ने कमेटी के सामने हंगामा किया था। कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने महुआ से पूछे गए सवालों के तोड़-मरोड़ कर पेश करने, जनता की भावनाए भड़काने और कमेटी के अन्य सदस्यों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की।
कमेटी ने की मोइत्रा की सांसदी रद्द करने की सिफारिश
सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, एथिक्स कमेटी ने अपनी 500 पेज की रिपोर्ट में लोकसभा सचिवालय से महुआ मोइत्रा के लिए कड़ी सजा की सिफारिश की है। कमेटी ने कहा कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो। बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से महुआ मोइत्रा के कैश लेन-देन की भी जांच की सिफारिश की गई है।
महुआ के लिए कड़ी सजा की सिफारिश
एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया गया। अपनी सिफारिश में कमेटी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है। कमेटी ने इसे गंभीर अपराध माना है और इसलिए महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है। एथिक्स कमेटी ने लॉग-इन आईडी और पासवर्ड शेयर करने के आरोपों पर कहा है कि इस गंभीर अपराध के लिए महुआ को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
केवी वैथिलिंगम और उत्तम कुमार रेड्डी ने गवाहों को नहीं बुलाने पर जताई आपत्ति
मीटिंग में रिपोर्ट रखे जाने से पहले विपक्षी सदस्य और कांग्रेस सांसद केवी वैथिलिंगम और उत्तम कुमार रेड्डी ने असहमति पत्र भेजा। दोनों ने मीटिंग में गवाहों को नहीं बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। वहीं, बीजेपी के राजदीप रॉय ने कहा कि विपक्ष के सदस्य इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, जबकि यह एथिक्स का मामला है। इस बीच, पिछली मीटिंग में महुआ मोइत्रा का समर्थन करने वाले बीएसपी सांसद और कमेटी के सदस्य दानिश अली ने सवाल उठाया कि कमेटी के सदस्यों के पास रिपोर्ट पहुंचने से पहले मीडिया में कैसे लीक हो गई?
आरोपों को कमेटी ने काफी गंभीर माना- बीजेपी सांसद राजदीप रॉय
एथिक्स कमिटी के सदस्य और बीजेपी सांसद राजदीप रॉय ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, "जो आरोप लगे हैं उसे कमेटी ने काफी गंभीर माना है। ये मामला सीधा-सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। जैसे 2019 में जम्मू कश्मीर डीलिमिटेशन बिल आया था वह पहले ही लीक हो गया था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता था। मोइत्रा को 2 नवंबर को पेशी के दौरान दो घंटे तक अपनी बात रखने का मौका मिला। लेकिन जब उनसे सवाल जवाब शुरू हुआ, तो उनके पास जवाब नहीं था और उन्होंने हंगामा कर दिया। मनी ट्रेल तो कोई जांच एजेंसी देखेगी न, हमने उसपर भी विचार किया है और अपनी अनुशंसा देंगे।"
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। दुबे ने महुआ के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे। इस मामले को लोकसभा स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया गया था।
बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का कबूलनामा
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ही आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसदीय अकाउंट का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया था। हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद की तरफ से सवाल पोस्ट किए।