नई दिल्ली: मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा का मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध का कारण बना हुआ है। यही वजह है कि सत्र के शुरुआत से लेकर अब तक एक भी दिन ऐसा नहीं है, जब सदन की कार्यवाही स्थगित किए बगैर सदन चला हो। बुधवार को भी सदन में मणिपुर हिंसा को लेकर ही हंगामा होता रहा है। इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना माइक बंद होने पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि कल (25 जुलाई) संसद में मेरा माइक बंद कर दिया गया था। ये मेरे स्वाभिमान की बात है। हम मणिपुर में जिस तरह की हिंसा चल रही है उसे लेकर सरकार से जवाब चाहते हैं। हम चाहते हैं कि पीएम इस मुद्दे पर सदन में बयान दें।
मल्लिकार्जुन खड़गे जब बोल रहे थे तो कांग्रेस के सांसद उनके पीछे खड़े हो गए। सभापति ने कांग्रेस सदस्यों के खड़े होने पर आपत्ति दर्ज कराई, जिस पर खड़गे ने कहा कि मेरे पीछे नहीं खड़े होंगे तो क्या मोदी के पीछे खड़े होंगे। खड़गे के इतना कहते ही सदन में बीजेपी के सांसद मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। इसके बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई।
जिसे देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
बुधवार (26 जुलाई) को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सांसदों ने कारगिल दिवस और जवानों को नमन किया। इसके बाद मणिपुर मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा शुरू हो गया। राज्य सभा के सभापति ने कहा कि मैंने मणिपुर के मुद्दे पर शॉर्ट ड्यूरेशन चर्चा का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। ये पहली बार है जब सभापति ने शॉर्ट ड्यूरेशन पर चर्चा की बात कही है।
बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि जब ये तय हो गया कि चर्चा होगी, फिर हंगामा क्यों किया जा रहा है। आखिर विपक्षी दल सदन की करवाई क्यों नहीं चलने देना चाहते हैं। राज्यसभा के चेयरमैन ने कहा कि इस पर वक्त जल्दी तय किया जाएगा।
पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव
बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे लोकसभा में मंजूर भी कर लिया गया। स्पीकर ने कहा है कि इस पर सबसे बात करके समय तय करेंगे। दरअसल, मणिपुर को लेकर आज पांचवें दिन भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। आज राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के सभी नोटिस खारिज करते हुए कहा कि नियम 176 के तहत चर्चा का प्रस्ताव पहले ही वो मंज़ूर कर चुके हैं। विपक्ष के भारी हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए रोकनी भी पड़ी।
कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
इससे पहले लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दो नोटिस दिए गए थे। एक नोटिस कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दिया जबकि दूसरा नोटिस 9 सांसदों वाली बीआरएस के नमा नागेश्वर राव ने दिया था, हालांकि इस नोटिस के लिए 50 सांसदों का समर्थन ज़रूरी है और बीआरएस विपक्षी मोर्चे में भी शामिल नहीं है। इस बीच कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी करके आज सदन में मौजूद रहने को कहा।