नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में आज भी हंगामा हो रहा है। लोकसभा में कांग्रेस और बीआरएस आज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। इसके लिए कांग्रेस के सांसदों को व्हिप भी जारी किया गया है। फिलहाल विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए 2 नोटिस दिए गए हैं।
मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा जारी है। विपक्ष मणिपुर हिंसा पर जहां पीएम मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है। वहीं केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बहस को तैयार है, लेकिन उनका कहना है कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी नहीं गृहमंत्री अमित शाह सदन में बयान देंगे।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से इसकी तैयारी मंगलवार को ही कर ली गई थी। कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। बता दें कि सदन में केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों की जरूरत होती है।
सरकार के खिलाफ गौरव गोगोई अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
बता दें कि संसद में मंगलवार को भी मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुई। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर नारेबाजी की। लोकसभा में सांसदों ने सदन में नारेबाजी की और अध्यक्ष की आसंदी के पास पहुंचकर इंडिया फॉर मणिपुर के पोस्टर दिखाए। हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। इस बीच विपक्ष ने केंद्र के खिलाफ लोकसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है। उधर, राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किए गए आप सांसद संजय सिंह संसद परिसर में ही विरोध प्रदर्शन के दौरान बैठे हुए हैं।
स्पीकर के साथ सर्वदलीय बैठक में बहुजन समाज पार्टी और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का स्टैंड बाकी विपक्षी दलों से अलग रहा है। इन दोनों दलों ने कहा कि प्रधानमंत्री जवाब दें या न दें लेकिन मणिपुर पर चर्चा के दौरान वो सदन में मौजूद रहें। पीएम को अगर लगे कि कुछ बोलना चाहिए तो बोलें, अगर नहीं लगे तो न बोलें। राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किए गए आप सांसद संजय सिंह संसद परिसर में ही विरोध प्रदर्शन के दौरान बैठे हुए हैं। संजय सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर चुप क्यों हैं? हम केवल संसद में आकर इस पर बोलने की मांग कर रहे हैं। संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाना हमारी जिम्मेदारी है।"