नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर सोमवार (24 जुलाई) को संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार (25 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा के सभापति ने आप सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। जिसके बाद मामला बढ़ गया।
संजय सिंह के निलंबन के विरोध में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के नेता संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। विपक्षी नेताओं ने बताया कि यह धरना पूरी रात जारी रहेगा और मंगलवार को भी होगा। साथ ही विपक्षी नेता मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग भी कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा है कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है।
राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं से की बात
गतिरोध को कम करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से फोन पर बात की, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले मणिपुर पर सदन के अंदर प्रधानमंत्री के बयान की शर्त रखी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने द्रमुक नेता टीआर बालू सहित कई अन्य विपक्षी नेताओं से भी बात की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले सभापति
इसके अलावा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद में अपने कक्ष में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की। राज्यसभा के सभापति ने इस संबंध में राज्यसभा के अन्य विपक्षी नेताओं के साथ भी बैठक की। जिनमें जयराम रमेश, बीआरएस के के केशव राव, बीजेडी के सस्मित पात्रा और आप के राघव चड्ढा भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई, क्योंकि विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा।
"कभी-कभी कड़े कदम उठाने पड़ाते हैं"
संजय सिंह को राज्यसभा से निलंबित किए जाने के कुछ घंटे बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिष्टाचार और अनुशासन को लागू करने के लिए कभी-कभी कड़े कदम उठाना जरूरी हो जाता है। राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करते हुए मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अपने नियंत्रण के तहत आने वाली हर चीज का उपयोग करता हूं कि सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में शिष्टाचार और अनुशासन कायम रहे।
हंगामे के बीच ये बिल किए गए पेश
लोकसभा में हंगामे के बीच सरकार कुछ विधायी कामकाज निपटाने में सफल रही। सरकार ने तीन विधेयक पेश किये और एक वापस ले लिया। केंद्र ने डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019 को वापस ले लिया। जबकि राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 और संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया गया।
मंगलवार को दोनों पक्षों ने बुलाई बैठक
सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से मंगलवार को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी गई है। लोकसभा के मानसून सत्र की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार सुबह 9.30 बजे बीजेपी संसदीय दल की बैठक होगी। जबकि मानसून सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार करने के लिए इंडिया गठबंधन के नेता संसद में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक करेंगे।
संजय सिंह का पीएम मोदी पर निशाना
राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर की हिंसा पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। एक कारगिल के योद्धा की पत्नी को नंगाकर परेड कराया गया। भारत के 140 करोड़ लोगों का सिर शर्म से झुक गया है, लेकिन प्रधानमंत्री सदन में आकर जवाब देने के लिए तैयार नहीं हैं।
क्या बोले विपक्ष के अन्य नेता?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये पहली बार नहीं है कि कोई विरोध जता रहा है। सभी लोग संसद में विरोध करते हैं। लोकतंत्र में बोलने की आजादी है, बोलने के लिए जो संसद आता है उसे मौका मिलना चाहिए। आज सरकार की मंशा है कि किसी न किसी तरीके से आवाज को बंद किया जाए। पिछली बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
इस मामले पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि हम चाहते हैं कि संजय सिंह का निलंबन वापस लिया जाए। निलंबन क्यों किया गया? हम बार-बार सभापति का ध्यान मणिपुर की ओर आकर्षित कर रहे थे, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थे। इसलिए हमारे पास उनके सामने जाकर बोलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। प्रधानमंत्री को चर्चा के लिए आने में क्या दिक्कत है? वे आते हैं तो उनका बड़प्पन और बढ़ जाएगा।
"ये सच में कलियुग है"
धरने पर बैठे कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि हम कई साथी सांसद अभी भी संसद के अंदर गांधीजी की प्रतिमा के सामने डटे हैं। मणिपुर के लिए इंसाफ के नारे लगा रहे हैं। वहीं सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि ये सच में कलियुग है। जब धृतराष्ट्र संजय तक को दरबार से निष्कासित कर दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि अपने इतने लंबे राजनीतिक जीवन में, मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।
मणिपुर की घटना के मामले में एक और गिरफ्तारी
गौरतलब है कि मणिपुर में मैतई समुदाय की आरक्षण की मांग के बाद बीती तीन मई से हिंसा भड़की हुई है। कुकी और मैतई में जारी इस हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच पिछले हफ्ते मणिपुर से महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का एक वीडियो भी सामने आया था। आरोप है कि महिलाओं के साथ रेप भी किया गया। इसके बाद देश में गुस्सा फूट पड़ा। इस मामले में सोमवार को एक और गिरफ्तारी की गई। मणिपुर पुलिस ने कहा कि मामले में अब तक एक नाबालिग समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।