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नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक पर्यावरण कार्यकर्ता की याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि आगरा में बड़े पैमाने पर नगरपालिका के ठोस कचरे को जलाये जाने से ताजमहल का रंग पीला पड़ रहा है। हरित अधिकरण ने नगर प्राधिकरणों को आगरा और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील ताज के समानांतर क्षेत्र के निकट खुले में नगरपालिका के ठोस कचरे को नहीं जलाने का निर्देश दिया है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य को नोटिस जारी करते हुए उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश आगरा के रहने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता डी के जोशी की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने आईआईटी-कानपुर, जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान और विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के संयुक्त अध्ययन का हवाला दिया है। इस अध्ययन के अनुसार ‘धूल के साथ भूरे और काले कार्बन’ के कारण 17वीं शताब्दी का सफेद संगमरमर का यह बेजोड़ स्मारक पीला पड़ रहा है।

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