नई दिल्ली: अफ्रीकी नागरिकों पर हाल में हुए हमलों के बीच सरकार ने मंगलवार को बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान सहित कई उपायों की घोषणा की। साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कांगो के युवक की हत्या की घटना 'नस्ली अपराध' की श्रेणी में नहीं आती। सुषमा, विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह, विदेश सचिव एस. जयशंकर और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा संबंधी चिंताएं जाहिर करने वाले अफ्रीकी राजदूतों और छात्रों से मिले। विदेश मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार एक 'बड़ी रणनीति' पर काम कर रही है, जिसके तहत एक संस्थागत तंत्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार कांगो के नागरिक मसोंदा केतडा ओलिवर की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक सुनवाई और दोषियों को 'कठोरतम संभव सजा' दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सुषमा ने ओलिवर की हत्या को 'बर्बर' बताया लेकिन कहा, 'यह नस्ली अपराध का मामला नहीं है क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में दिखा है कि ओलिवर को बचाने की कोशिश करने पर स्थानीय लोगों पर भी हमला किया गया।'
उन्होंने कहा, 'मंत्रालय देशभर में जागरुकता अभियान चलाएगा क्योंकि इस तरह की घटनाएं देश की छवि के लिए अच्छी नहीं हैं। अफ्रीकी नागरिकों की बड़ी आबादी वाले इलाकों में लोगों को उनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए राज्यों को एक परामर्श भी जारी किया जाएगा।' सुषमा निमोनिया की वजह से तीन हफ्तों से एम्स में भर्ती थीं और गत 15 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई, जिसके बाद से मंत्रालय से संबंधित यह उनका पहला आधिकारिक कार्यक्रम था। बैठक के दौरान उन्होंने मंत्रालय के आश्वासन के बाद जंतर-मंतर पर मंगलवार को निर्धारित विरोध प्रदर्शन रद्द करने के लिए अफ्रीकी छात्रों को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने पिछले हफ्ते भारत की मेजबानी में हुए अफ्रीका-डे समारोह में अफ्रीकी राजदूतों की हिस्सेदारी की सराहना भी की। सुषमा ने कहा, 'हमने एक विस्तृत योजना बनाई है। हम हर शहर में जाएंगे और जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे। हम एक बड़ी रणनीति तैयार कर रहे हैं। अगले दस-पंद्रह दिनों में हम एक संस्थागत तंत्र का निर्माण करेंगे।' इससे पहले सरकार से आश्वासन मिलने के बाद अफ्रीकी छात्रों के एक समूह ने समुदाय पर हमलों के खिलाफ निर्धारित अपना विरोध प्रदर्शन रद्द करने का फैसला किया।