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नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी सरकार की दूसरी वषर्गांठ पर इसकी मुख्य सहयोगी शिवसेना और विपक्षी दलों ने सरकार की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है। केवल ‘खोखले वादे और तिकड़म’ किए गए और लोग उनके ‘फरेब के जाल में’ फंस गए हैं। सरकार की आलोचनाओं को खारिज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘विकास और प्रगति के लिए नये मानदंड स्थापित’ किए हैं। सरकार ने प्रशासन की अवधारणा को बदला है। शिवसेना ने आरोप लगाए कि राजग सरकार महंगाई, सीमा पार आतंकवाद पर काबू पाने में विफल रही और इसके शासनकाल में शुरू की गई योजनाएं लोगों तक पहुंचती नहीं दिख रही है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने प्रधानमंत्री पर अकसर विदेशी दौरे को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि पहले उन्हें निर्णय करना होगा कि वह देश में रहते हैं या विदेश में। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए कि राजग के दो वर्ष के शासनकाल में केवल ‘भ्रष्टाचार’ और ‘उपद्रव’ हुए। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यालय महज ‘अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल एजेंसी’ बनकर रह गया है। दिल्ली और अन्य शहरों में वरिष्ठ नेताओं को तैनात करते हुए कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था से लेकर बेरोजगारी और आतंकवाद तथा विदेश नीति पर भी हमले किए और कहा कि कोई प्रशासन नहीं है बल्कि केवल व्याख्यान हुए हैं।

इसने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही जिसमें रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को बहाल करना शामिल है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘केवल भाषण हुआ, शासन नहीं।’ पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी के ‘अच्छे दिन’ के नारे पर प्रहार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि भारत के लोग मोदी के ‘फरेब के जाल’ में फंस गए जो विकास के इर्द गिर्द बुनी गई थी और अब तीन और वर्ष की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि मोदी सरकार के ‘बुरे दिन’ से छुटकारा पा सकें। मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री को दूसरी वषर्गांठ मनाने की जरूरत को लेकर सार्वजनिक परिचर्चा करने की भी चुनौती दी और कहा कि उनकी सरकार ‘अखबारों और खबरिया चैनलों की बदौलत’ अस्तित्व में है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और रणदीप सुरजेवाला ने भी दिल्ली में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में देश ने जो देखा है उसमें केवल ‘खोखले वादे और तिकड़म’ हैं और मोदी सरकार को स्वतंत्रता के बाद ‘सबसे निराश’ करने वाली सरकार बताया। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से बात करते हुए मोदी सरकार पर देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने का प्रयास करने और घर वापसी तथा ‘लव जिहाद’ के माध्यम से असहिष्णुता का वातावरण पैदा करने के आरोप लगाए। केन्द्र सरकार के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि दो साल में सरकार की कहीं कोई ठोस उपलब्धि नहीं दिखाई दे रही है। केन्द्र सरकार चुनावी वादों के साथ-साथ भारतीय संविधान के मूल्यों की रक्षा करने में पूरी तरह असमर्थ रही। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने महंगाई बढ़ने पर भी केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, ‘‘महंगाई रत्तीभर भी कम नहीं हुई। दाल सचमुच मुर्गी के बराबर महंगी हो गई। युवाओं को सालाना दो करोड़ नौकरियां देने के ताबड़-तोड़ सपने बेचे गए।’’ लालू ने गुरुवार को ट्वीट के जरिए केन्द्र सरकार पर जमकर सियासी हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘गरीबों के अच्छा जीवन जी पाने की लालसा का मजाक बनाते हुए 15-15 लाख रुपये देने का सपना दिखाया। सोचिए, गरीबों की गरीबी का कितना बेहूदा मजाक बनाया गया।’’ अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’ का दृष्टिकोण तथा सरकार के अद्वितीय काम से प्रशासन के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। जनहितैषी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने के लिए हमारे मंत्रियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘विकास और प्रगति के लिए सरकार ने नये मापदंड स्थापित किए हैं और ‘सबका साथ सबका विकास’ की अपनी विचारधारा को लागू भी किया है।

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