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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देशभर में कॉमन मेडिकल टेस्ट (नीट) पर अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है। अब राज्यों के बोर्ड को एक साल तक नीट से छूट मिल गई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एमबीबीएस एवं दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए इस साल होने वाली संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा से राज्य बोर्डों को बाहर रखने संबंधी अध्यादेश पर कुछ सवाल उठाने के बाद आज हस्ताक्षर कर दिए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी सवालों के समाधान के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने आज (मंगलवार) सुबह इस अध्यादेश को लागू कर दिया ।राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के संदर्भ में राष्ट्रपति ने स्पष्टीकरण मांगा था जिस पर जवाब देने के लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति सचिवालय में मौजूद थे। राष्ट्रपति के पास यह अध्यादेश शनिवार को भेजा गया था और आज सुबह वह चीन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को आंशिक रूप से बदलना है जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आएंगे। परीक्षा का अगला चरण 24 जुलाई को होना है। गत एक मई को नीट के पहले चरण में करीब 6.5 लाख विद्यार्थी चिकित्सा प्रवेश परीक्षा दे चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सात राज्य नीट के अनुसार परीक्षा लेंगे वहीं छह अन्य राज्यों में करीब चार लाख विद्यार्थी परीक्षा पहले ही दे चुके हैं।

यह परीक्षा निजी चिकित्सा कॉलेजों और केंद्र सरकार के लिए आवेदन कर रहे प्रार्थियों के लिए होगी। राज्यों ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में छात्रों की भाषा और पाठ्यक्रम संबंधी कई समस्याएं उठाई थीं। उन्होंने कहा था कि राज्य बोर्डें से संबद्ध छात्रों के लिए इतनी जल्दी (जुलाई में) साझा परीक्षा देना मुश्किल होगा।

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