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तेहरान: ईरान से अंतरराष्ट्रीय पाबंदी हटने से उससे सहयोग बढ़ाने के बहुत अधिक अवसर सामने आए हैं। भारत उसके साथ व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं देख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय ईरान यात्रा पर यहां पहुंचने से पहले रविवार को ये बातें कहीं। मोदी ने ईरान की संवाद समिति इरना से बातचीत में कहा, कठिन दौर में भी भारत और ईरान ने हमेशा अपने संबंधों को नई मजबूती देने पर ध्यान दिया है। मौजूदा परिदृश्य में दोनों देश व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, बुनियादी ढांचा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। भारत ईरान में निवेश करना चाहता है। साथ ही वह ईरान से अपने यहां पूंजी व निवेश का स्वागत करता है। मोदी ने कहा, ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधांे के समाप्त होने से दोनों देशों के लिए विशेषकर आर्थिक मोर्चे पर सहयोग के असीमित अवसरों के द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल उफा (रूस) में मैंने ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के साथ मुलाकात में बंदरगाह, उर्वरक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग की संभावनाओं का संकेत दिया था। हमारे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में ऊर्जा सबसे महत्वपूर्ण आयामों में से एक है। फरजाद-बी परियोजना में भागीदारी के साथ हम क्रेता-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़कर ऊर्जा के क्षेत्र में असली भागीदार बने हैं। ओएनजीसी ने 2008 में इस परियोजना क्षेत्र में गैस भंडारों का पता लगाया था। वह इसके विकास का अधिकार हासिल करने के लिए बात कर रही है।

कंपनी इस परियोजना में लगभग 10 करोड़ डाॠलर पहले ही निवेश कर चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को यहां राष्ट्रपति हसन रोहानी के साथ औपचारिक वार्ता करेंगे। ईरान के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के एजेंडे के बारे में उन्होंने कहा, ईरान हमारे विस्तारित पड़ोस का हिस्सा है, क्षेत्र का महत्वपूर्ण देश है और भारत के सबसे मूल्यवान भागीदारों में से एक है। क्षेत्र की शांति, स्थिरता व संपन्नता में भारत के साझा हित हैं। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद व चरमपंथी विचारधारों के खतरे से लड़ना दोनों देशों के लिए समान चुनौती है। क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए मजबूत कदम उठाना हमारे दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का सबसे महत्वपूर्ण व आशाजनक आयाम है। इसके अलावा उचित ऊर्जा भागीदारी बनाना, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, बंदरगाह, रेलवे व पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना तथा मौजूदा समय में आम लोगों के बीच संबंधों के जरिये सभ्यताकालीन संबंधों का विकास भी प्राथमिकता पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी ईरान यात्रा के दौरान होने वाले संभावित समझौतों के बारे में कोई पूर्व धारणा बनाना ठीक नहीं होगा। लेकिन उन्होंने पूरा भरोसा जताया कि उनकी यात्रा से ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, व्यापार, निवेश व संस्कृति के क्षेत्र में टिकाऊ परिणाम सामने आएंगे। मोदी ने कहा, हमें हमारे संबंधों के इतिहास में एक नये अध्याय की शुरआत़़़ हमारे व्यापक रणनीकि भगाीदारी में एक नये आयाम का पूरा भरोसा है।

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