नई दिल्ली: करोड़ों रुपये के लोन मामले में भारत ने औपचारिक रूप से ब्रिटेन से विजय माल्या को निर्वासित करने का आग्रह किया था जिसे लंदन ने नकार दिया है। ब्रिटेन की सरकार ने साफ कहा है कि उनके देश के कानून के मुताबिक विजय माल्या को देश निकाला नहीं दे सकते। यदि भारत माल्या को वापस बुलाना चाहता है, तो उसे वापस भेजने के लिए प्रत्यर्पण कानून के तहत भारत को कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही ब्रिटेन ने यह भी कहा है कि वह माल्या पर लगे आरोपों की गंभीरता को समझता है और इस मामले में प्रत्यर्पण को लेकर भारत की किसी मांग में पूरा सहयोग करेगा। ब्रिटेन ने कहा है कि 1971 आव्रजन कानून के तहत यदि किसी पासपोर्ट पर वीजा जारी किया जाता है और इसके बाद यदि बाद में पासपोर्ट रद्द भी हो जाता है तब भी वह आदमी ब्रिटेन में तब तक रह सकता है जब तक वीजा में रहने के लिए कहा गया है और पासपोर्ट की मान्या उस तारीख तक होगी जो वीजा जारी करते समय रही होगी। बता दें कि चमकदमक वाली जीवनशैली जीने के लिए मशहूर माल्या पिछले माह 2 मार्च को लंदन भाग गए थे। इसके बाद से इन्होंने भारत लौटकर जांच और बैंकों का सामना करने के आदेश को नजरअंदाज किया है। पिछले दिनों विजय माल्या ने कहा था कि उन्हें भारत छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है और तत्काल भारत लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है।
फिलहाल लंदन में रह रहे 60 वर्षीय माल्या ने कहा था कि वह एक देशभक्त भारतीय रहे हैं और हमेशा भारतीय झंडे को ऊंचा रखने में गर्व महसूस करते हैं मगर उनके खिलाफ जो चीख-पुकार मची हुई है उसमें वह ब्रिटेन में सुरक्षित पड़े रहना पसंद कर रहे हैं और फिलहाल भारत लौटने की उनकी योजना नहीं है। बता दें कि माल्या पर बैकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। शानोशौकत और चमकदमक वाली जीवनशैली जीने के लिए जाने जाने वाले विजय माल्या पिछले माह 2 मार्च को लंदन भाग गए थे। इसके बाद से इन्होंने भारत लौटकर जांच और बैंकों का सामना करने के आदेश को अब तक नजरअंदाज किया है। किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का पैसा बकाया माल्या ने एक और ट्वीट करके कहा है - मैं यह मानता हूं कि किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का पैसा बकाया है। उन्होंने लिखा कि जब मैंने खुद सेटलमेंट का ऑफर दिया है तो मैं डिफॉल्टर कैसे हो गया।