नई दिल्ली: अगस्तावेस्टलैंड के मुद्दे पर गांधी परिवार के खिलाफ हमला तेज करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि यदि वे दोषी साबित होते हैं तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकेगी क्योंकि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है चाहे वह ‘पहला परिवार हो या अंतिम परिवार।’ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी उनके इस बयान को लेकर प्रहार किया कि मोदी सरकार में सोनिया गांधी को गिरफ्तार करने का पर्याप्त साहस नहीं है। पर्रिकर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अलग-थलग जैसा महसूस कर रहे थे क्योंकि उन्हें पिछले दस दिनों से वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले पर ध्यान होने के कारण उन्हें कोई मीडिया प्रचार नहीं मिला है। पर्रिकर ने कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अतएव, वह चाहे आखिर परिवार हो या पहला परिवार, मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि किसी के साथ भिन्न बर्ताव किया जाए, बशर्ते कि आपके पास उपयुक्त कानूनी सबूत हो।’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार गांधी परिवार, जिसे भारतीय राजनीति में अक्सर पहला परिवार बताया जाता है, के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। रक्षा मंत्री ने लोकसभा में अपने बयान, जिसमें उन्होंने इस मामले का हश्र बोफोर्स जैसा नहीं होने की उम्मीद जतायी थी, का हवाला देते हुए कहा, ‘हममें इरादा और गंभीरता है और मैं सुनिश्चित करूंगा कि उपयुक्त एवं अच्छी कोशिश हो।
अतएव, इस बात की हर संभावना है कि हम ऐसा करने में समर्थ होंगे।’ वर्ष 1989 के बोफोर्स घोटाले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम आया था लेकिन बाद की जांचों में प्रामाणिक रूप से कोई संबंध स्थापित नहीं हो पाया। पर्रिकर ने कहा था कि पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी और गौतम खेतान बहुत छोटे लोग हैं जिन्होंने (भ्रष्टाचार की) बहती गंगा में हाथ धो लिए और सरकार पता लगाएगी कि यह नदी जा कहां रही है। उन्होंने केजरीवाल के इस प्रहार की धज्जियां उड़ा दीं कि प्रधानमंत्री के पास सोनिया गांधी को गिरफ्तार करने का साहस नहीं है और यह कि भाजपा और कांग्रेस भ्रष्टाचार का गठबंधन है। उन्होंने कहा, ‘यह बस पब्लिसिटी स्टंट है। केजरीवाल ध्यान खींचने के लिए इसमें कूद रहे हैं। पिछले दस दिनों से प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया गांधी गलत वजह से, और कभी कभी मैं मीडिया में आ रहा हूं। पब्लिसिटी के बगैर दस दिनों तक सूखा सूखा रहना उनके (केजरीवाल के) लिए बड़ी चीज है।’ केजीरवाल ने आरोप लगाया था, ‘इतालवी अदालत के आदेश में सोनिया गांधी, अहमद पटेल और कुछ अधिकारियों एवं कांग्रेसजन के नाम भी हैं लेकिन मोदी सोनिया गांधी को गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ के लिए दो सवाल करने के वास्ते पर्याप्त साहस जुटाने में समर्थ नहीं हैं।’