नई दिल्ली: कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाखड़ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक लोकप्रिय नेता थे जिन्होंने संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया। उन्होंने ट्वीट किया कि बलराम जाखड़ जी एक लोकप्रिय नेता थे जिन्होंने अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा में हमारे संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया। मैं उनके निधन से दु:खी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। जाखड़ 1980 से 1989 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने संसद संग्रहालय की स्थापना में योगदान दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव की कैबिनेट में कृषि मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं।
जाखड़ 30 जून 2004 से 30 मई 2009 तक मध्य प्रदेश से राज्यपाल रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जाखड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने जाखड़ के परिवार को भेजे संदेश में कहा कि उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, खासकर किसान समुदाय के हित के लिए जो योगदान दिया है, उसे कांग्रेस पार्टी के साथ साथ पूरा देश हमेशा याद रखेगा। सोनिया ने कहा कि जाखड़ विधायक, सांसद, मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यपाल, हर पद पर अपनी सेवाएं देते समय कृषि एवं किसानों संबंधी समस्याओं को सामने लाने में आगे रहे और संसद सचिवालय के आधुनिकीरण में उनकी भूमिका अग्रणी है। जाखड़ 1973 से 1977 के बीच पंजाब में निगम, सिंचाई एवं उर्जा उप मंत्री रहे और इसके बाद वह 1977 और 1979 के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। जाखड़ 1980 में सातवें लोकसभा चुनावों में पहली बार सांसद चुने गए। उन्हें इसके बाद 1984, 1991 और 1998 में सांसद चुना गया। वह 1980 में लोकसभा अध्यक्ष बने और उन्होंने 1989 तक दो कार्यकालों के लिए अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने सदन के कार्यों के स्वचालन एवं कम्प्यूटरीकरण में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने संसद पुस्तकालय को प्रोत्साहित करने, सदन की संदर्भ, अनुसंधान एवं दस्तावेजीकरण प्रणाली को बेहतर बनाने और सदस्यों के लिए सूचना को व्यवस्थित करने के लिए बहुत काम किया। जाखड़ ने भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की स्थायी समिति, कार्य मंत्रणा समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति की भी अध्यक्षता की। वह 1990 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव बने और वह 1992 से कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य बने।