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नई दिल्ली: सीबीआई ने अंडरवर्ल्‍ड डॉन छोटा राजन और बेंगलुरू पासपोर्ट कार्यालय के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ यहां अपना पहला आरोपपत्र दायर कर उन पर उसे फर्जी पासपोर्ट जारी करने में आपराधिक साजिश एवं जालसाजी करने का आरोप लगाया। सीबीआई ने कहा कि इन पासपोर्ट का इस्तेमाल छोटा राजन ने ऑस्ट्रेलिया भागने के लिए किया। सीबीआई के प्रेस सूचना अधिकारी आरके गौड़ ने कहा कि आरोपपत्र विशेष अदालत, पटियाला हाउस में दायर किया गया है जिसने उस पर संज्ञान भी लिया है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन और तीन पासपोर्ट अधिकारियों, जय श्री रहाते, दीपक नटवरलाल शाह और ललित लायमंस को आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है। ये तीनों अधिकारी बेंगलुरू पासपोर्ट कार्यालय में तैनात थे और अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने आरोपपत्र में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोप तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधान लगाए हैं। सीबीआई ने राजन और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया था कि उसने कथित तौर पर फर्जी नाम मोहन कुमार, कथित निवासी 107:बी, ओल्ड एमसी रोड, आजाद नगर, मांड्या (कर्नाटक) के नाम से एक भारतीय पासपोर्ट नंबर. जी.9273860 तैयार कराया। गौड़ ने कहा, 'वह कथित तौर पर इस पासपोर्ट और पर्यटन वीजा पर 22 सितम्बर 2003 को ऑस्ट्रेलिया पहुंचा और उसके बाद धोखाधड़ी से विभिन्न वीजा प्राप्त किये और तब से 25 अक्टूबर, 2015 तक वहां रहा।' इंडोनेशियाई पुलिस ने राजन को बाली में 25 अक्तूबर 2015 को उसके खिलाफ इंटरपोल की ओर से जारी रेड कार्नर नोटिस पर तब हिरासत में लिया जब वह ऑस्ट्रेलिया से वहां पहुंचा। बाली से उसे छह नवम्बर 2015 को भारत भेज दिया गया था। राजन इस समय यहां तिहाड़ जेल में बंद है।

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