ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: माल एवं सेवाकर (जीएसटी) राजस्व में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए राज्यों की तरफ से केन्द्र सरकार खुद 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाएगी। केन्द्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम कदम माना जा रहा है। 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज राज्यों पर कैसे प्रभाव डालेगा, इसको वित्त मंत्री ने पत्र लिखकर समझाया है। वित्त मंत्री ने लिखा, "मैं वित्तीय कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हूं जो राज्यों को झेलनी पड़ रही है।"वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को आश्वासन दिया है कि ब्याज दर बहुत ही उचित होगी। 

राज्यों को उपलब्ध संसाधनों की मात्रा मुआवजे की पूरी राशि को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी जो इस वर्ष देय होगी।

ब्याज दर बहुत ही उचित होगी।

उपकर की भावी आय से ब्याज और मूलधन की पूर्ति की जाएगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम की सुनवाई 2 नवंबर तक के लिए टाल दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि आम लोगों की दुर्दशा को आप समझिए और सही फैसले के साथ आइए। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि मिस्टर मेहता इस बार लोगों की दिवाली आपके हाथों में है इसलिए कोई उचित निर्णय लीजिए।  

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि सरकार का फैसला 15 नवंबर से पहले लागू हो जाएगा।इसपर कोर्ट ने कहा कि जब सरकार ने ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है, तो इसे लागू करने में इतना समय क्यों लग रहा है।

कोर्ट ने कहा कि एक साधारण छूट योजना को प्रभावी होने में पूरा एक महीना क्यों लगेगा। यदि सरकार ने पहले से ही छोटे उधारकर्ताओं को ब्याज पर ब्याज से छूट देने का फैसला किया है, तो इसे खातों से डेबिट नहीं किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में बांग्लादेश भारत को पछाड़ते हुए आगे निकलने को तैयार है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)-वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) के मुताबिक, साल 2020 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 4 फीसदी बढ़कर 1,888 डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 प्रतिशत घटकर 1,877 डॉलर रहने की उम्मीद है। जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि इस साल भारत की जीडीपी में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है।

भारत के लिए आईएमएफ का यह अनुमान, जून में किए गए पूर्वानुमान से बहुत नीचे है। जिसमें कहा गया है कि कोरोनो वायरस महामारी की वजह से उभरते बाजारों में सबसे बड़ा संकुचन देखने को मिल सकता है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों की जीडीपी का यह आंकड़ा मौजूदा कीमतों पर आधारित है। जून में आईएमएफ के पिछले पूर्वानुमान में कहा गया था कि उत्पादन 4.5 प्रतिशत कम हो जाएगा। 

नई दिल्ली: सरकार ने सितंबर माह के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.32 फीसदी हुई, जो अगस्त में 0.16 फीसदी थी। वहीं जुलाई में यह आंकड़ा नकारात्मक 0.58 फीसदी था और जून में यह नकारात्मक 1.81 फीसदी था। सितंबर 2019 में देश की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) 0.33 फीसदी थी।

सितंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 6.92 फीसदी रही, जो अगस्त में 4.07 फीसदी थी। ईंधन और बिजली की बात करें, तो सितंबर में यह नकारात्मक 9.54 फीसदी रही। अगस्त में यह आंकड़ा नकारात्मक 9.68 था। इस दौरान विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 1.61 फीसदी रही, जे अगस्त में 1.27 फीसदी हो गई थी। प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में 1.60 फीसदी थी। लेकिन सितंबर में यह 5.10 फीसदी हो गई।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख