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नई दिल्ली: अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ वापस लेने के बाद अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए, मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।

गौतम अडाणी ने अपने वीडियो बयान में कहा, "पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए एफपीओ के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।"

अडाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा, "बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे। हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा।

नई दिल्‍ली: आम बजट 2023 पेश करने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये बजट समाज के हर वर्ष को लाभांवित करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में चार बिंदुओं महिलाओं को सशक्त बनाने, पर्यटन के लिए कार्य योजना, विश्वकर्मा (कारीगरों) के लिए पहल और हरित विकास पर जोर दिया गया है। नई टैक्‍स व्यवस्था को अब अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और लोग बिना किसी हिचकिचाहट के पुराने से नए की ओर बढ़ सकेंगे। हम किसी को बाध्य नहीं कर रहे हैं, लेकिन नई कर व्‍यवस्‍था अब आकर्षक है, क्योंकि यह अधिक छूट देता है। काफी लंबे समय के बाद टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव किया गया है।

उन्‍होंने कहा कि हम एक भविष्यवादी फिनटेक क्षेत्र की ओर देख रहे हैं। लोगों को औद्योगिक क्रांति 4.0 के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा, हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था को खोलने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले अपने पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को कर मोर्चे पर राहत दी है।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। इसमें मिडिल क्लास, वरिष्ठ नागरिक और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की गई है। अब सात लाख से कम सालाना आय पर कोई टैक्स देना नहीं होगा।

अब तीन लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 3-6 लाख तक सालाना आय वालों को 5 फीसदी, 6-9 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत का टैक्स लगेगा।

अब सात लाख रुपये से कम सालाना आय वालों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह नई टैक्स रिजीम चुनने वालों को लाभ मिलेगा। 9-12 लाख रुपये सालाना आय वालों को 15 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। माना जा रहा है कि 15.5 लाख रुपये तक की आय वालों को 52 हजार रुपये का फायदा होगा। 12-15 लाख रुपये सालाना आय वालों पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। वहीं 15 लाख से ऊपर सालाना आय वालों को 30 प्रतिशत तक टैक्स देना होगा।

नई दिल्ली: दुनियाभर में मंदी की आहट के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में 6.5% बनी रहेगी। हालांकि, यह मौजूदा वित्त वर्ष के 7% और पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 के 8.7% के आंकड़े से कम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में ये आंकड़े सामने आए हैं। इसमें विकास दर कम रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन इसके बावजूद भारत विश्व में सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं वाले प्रमुख देशों में शामिल रहेगा।

आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि कोरोना के दौर के बाद दूसरे देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी तेज रही है। घरेलू मांग और पूंजीगत निवेश में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा हो पाया है। हालांकि, सर्वेक्षण में यह चिंता जताई गई है कि चालू खाता घाटा बढ़ सकता है क्योंकि दुनियाभर में कीमतें बढ़ रही हैं। इससे रुपये पर दबाव रह सकता है। यूएस फेडरल रिजर्व अगर ब्याज दरों में इजाफा करता है तो रुपये का अवमूल्यन हो सकता है। कर्ज लंबे वक्त तक महंगा रह सकता है।

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