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काठमांडो: नये संविधान का विरोध कर रहे नेपाल के मधेसियों ने भारत से लगी सीमा पर अपनी करीब पांच महीने की नाकेबंदी सोमवार को खत्म कर दी जिससे देश में ईंधन, दवाओं और दूसरे जरूरी सामानों की भीषण कमी पैदा कर दी थी और भारत-नेपाल के संबंधों को प्रभावित किया। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट (यूडीएमएफ) के नेताओं की एक बैठक के बाद जारी किए गए बयान में कहा गया, ‘‘देश के सामने मौजूद वर्तमान संकट और लोगों की जरूरतों एवं आकांक्षाओं को देखते हुए आम हड़ताल, सीमा की नाकाबंदी, सरकारी कार्यालयों की बंदी के वर्तमान विरोध प्रदर्शन कार्यक्रमों को अभी के लिए वापस लिया जाता है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘जब तक हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।’’ गत शुक्रवार को दोनों देशों के आक्रोशित व्यवसायियों ने आंदोलनकारी मधेसियों द्वारा लगाए गए तंबुओं में आग लगा दी थी। फ्रंट के सदस्यों में शामिल सद्भावना पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मणलाल कर्ण ने कहा, ‘‘यूडीएमएफ नेताओं ने अपने वर्तमान विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम वापस लेने का फैसला किया।’’

काठमांडो: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कोइराला का देर रात निमोनिया के कारण निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। नेपाली कांग्रेस के महासचिव प्रकाश मान सिंह ने बताया कि 10 फरवरी 2014 को नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए कोइराला का निधन राजधानी काठमांडो के बाहरी इलाके के महाराजगंज स्थित उनके आवास में स्थानीय समयानुसार देर रात 12 बजकर 50 मिनट पर हुआ। कोइराला फेफड़े के कैंसर का सफल इलाज करवाकर अमेरिका से लौटे थे। उन्हें पिछले साल नेपाल के नए संविधान को लागू करने का श्रेय जाता है। कोइराला क्रोनिक ऑब्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज से पीड़ित थे, जिसके कारण उनका निधन हुआ। सिंह ने बताया कि कोइराला के पार्थिव शरीर को काठमांडो के सानेपा स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पर ले जाया जाएगा ताकि पार्टी कार्यकर्ता और अन्य लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें।

नई दिल्ली: पंजाब के पठानकोट हमले के मामले में भारत के दावे को नकारते हुए पाकिस्तान का मानना है कि इसमें आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का हाथ नहीं था। पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत को बता दिया है कि इसे लेकर पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जिससे यह साबित हो कि जैश प्रमुख मौलाना अजहर मसूद का पठानकोट पर हुए आतंकी हमले में किसी प्रकार से हाथ है। भारत का दावा है कि पठानकोट में एयरबेस पर छह आत्मघाती आतंकियों के हमले के पीछे मौलाना मसूद अजहर का हाथ है। गौर हो कि मौलाना अजहर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक जांच दल ने कहा है कि अजहर ने हमले की योजना बनाई या इसका आदेश दिया इसका भी कोई सबूत नहीं है।

वॉशिंगटन: इस्लामिक स्टेट के लड़ाकू पगार की कमी की वजह से अन्य प्रतिद्वंदी समूहों में शामिल हो रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर में कहा गया है कि आईएसआईएस के लड़ाकू अधिकतर पगार में कमी की वजह से दूसरे आतंकी समूहों में शामिल हो रहे हैं। गौर है कि हाल ही में आईएसआईएस की हार से उसकी बिगड़ती माली स्थिति बिगड़ चुकी है। इससे पहले आईएसआईएस से लोगों के छोड़कर जाने और लड़ाकों की कमी की बात भी उजागर हुई थी। खबर में विश्लेषकों और निगरानी समूहों के हवाले से कहा गया है कि आतंकवादी संगठन को पिछले कुछ समय में हुए नुकसान की वजह उसके लड़ाकों को वेतन देने में और छोड़ गये या मारे गये आतंकवादियों की जगह नयों की भर्ती करने के संघर्ष से जुड़ी है।

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