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वॉशिंगटन: इस्लामिक स्टेट के लड़ाकू पगार की कमी की वजह से अन्य प्रतिद्वंदी समूहों में शामिल हो रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर में कहा गया है कि आईएसआईएस के लड़ाकू अधिकतर पगार में कमी की वजह से दूसरे आतंकी समूहों में शामिल हो रहे हैं। गौर है कि हाल ही में आईएसआईएस की हार से उसकी बिगड़ती माली स्थिति बिगड़ चुकी है। इससे पहले आईएसआईएस से लोगों के छोड़कर जाने और लड़ाकों की कमी की बात भी उजागर हुई थी। खबर में विश्लेषकों और निगरानी समूहों के हवाले से कहा गया है कि आतंकवादी संगठन को पिछले कुछ समय में हुए नुकसान की वजह उसके लड़ाकों को वेतन देने में और छोड़ गये या मारे गये आतंकवादियों की जगह नयों की भर्ती करने के संघर्ष से जुड़ी है।

अमेरिका के समर्थन वाले कुर्दिश और अरब के बलों ने इराक और सीरिया के काफी हिस्से में आतंकवादी संगठन के बड़े नियंत्रण वाले क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले और इस्लामिक स्टेट मामलों के विशेषज्ञ जैकब शापिरो के हवाले से अखबार ने लिखा, ‘ये मुद्दे सुझाते हैं कि इस्लामिक स्टेट टिक नहीं पायेगा।’ अखबार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बेल्फर सेंटर में सीरिया और इराक के सशस्त्र समूहों के मामले की विशेषज्ञ वेरा मिरोनोवा के हवाले से लिखा है कि इस्लामिक स्टेट छोड़कर चले जाने वाले लड़ाकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

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