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कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की 81 वर्षीय मां ने अपने बेटे की संरक्षणवादी नीतियों के खिलाफ एक याचिका पर दस्तखत किये हैं। इसमें बच्चों की सेवाओं पर खर्चों में कटौती की वकालत की गयी है। सालों तक मजिस्ट्रेट के तौर पर सेवाएं देने वाली मैरी कैमरन ने ‘डेली मिरर’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कंसर्वेटिव पार्टी द्वारा संचालित ऑक्सफोर्डशायर काउंटी काउंसिल द्वारा बंद करने के लिए चुने गये बच्चों के केंद्रों को बचाने के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा, ‘याचिका में मेरा नाम है लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा कोई बातचीत नहीं करना चाहती।’

 

सियोल: दक्षिण कोरिया में रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने आज बताया कि उत्तर कोरिया ने इस सप्ताह जिस रॉकेट का प्रक्षेपण किया है वह 2012 में प्रक्षेपित किए गए रॉकेट से ज्यादा शक्तिशाली है। उन्होंने बताया कि इसका विस्तार क्षेत्र बढ़ाकर 12,000 किलोमीटर कर दिया गया है जिसकी पहुंच में अमेरिका का अधिकांश क्षेत्र आता है। अधिकारी ने नाम नही बताए जाने की शर्त पर पत्रकारों को बताया कि तीन चरणों वाले रॉकेट से कक्षा में एक वस्तु स्थापित होने की पुष्टि हुई है लेकिन अभी इसका सत्यापन नही हो पाया है कि यह कथित उपग्रह काम कर रहा है या नही। उन्होंने बताया कि यह रॉकेट दिसम्बर 2012 में प्रक्षेपित किए गए उन्हा-तीन रॉकेट के समान है लेकिन इसका विस्तार क्षेत्र 12,000 किलोमीटर बताया जाता है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में दशकों के विलंब और निष्क्रियता के बाद हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के पास अब जल्दी ही एक विवाह कानून होगा। देश के संसदीय पैनल ने हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दे दी है। नेशनल असेंबली की कानून एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति ने कल हिंदू विवाह विधेयक, 2015 के अंतिम मसौदे को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। इस पर विचार के लिए खास तौर पर पांच हिंदू सांसदों को पैनल ने आमंत्रित किया था। ‘डॉन’ समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग अंत तक विलंब की रणनीति का सामना करने के बावजूद समिति ने पुरुषों और महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष तय करने के लिए दो संशोधन करने के साथ इसे स्वीकार कर लिया। यह कानून बन जाने पर पूरे देश के पैमाने पर लागू होगा।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में दशकों के विलंब और निष्क्रियता के बाद हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के पास अब जल्दी ही एक विवाह कानून होगा। देश के संसदीय पैनल ने हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दे दी है। नेशनल असेंबली की कानून एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति ने कल हिंदू विवाह विधेयक, 2015 के अंतिम मसौदे को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। इस पर विचार के लिए खास तौर पर पांच हिंदू सांसदों को पैनल ने आमंत्रित किया था। ‘डॉन’ समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग अंत तक विलंब की रणनीति का सामना करने के बावजूद समिति ने पुरुषों और महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष तय करने के लिए दो संशोधन करने के साथ इसे स्वीकार कर लिया। यह कानून बन जाने पर पूरे देश के पैमाने पर लागू होगा।

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