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तेल अवीव: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि जब तक हमास समूहों द्वारा बंधक बनाए गए इज़रायलियों को मुक्त नहीं किया जाता, तब तक गाजा को कोई ईंधन नहीं दिया जाएगा और हमास के साथ कोई युद्धविराम नहीं होगा।

हमास के साथ इज़रायल के युद्ध के एक महीना पूरा होने के मौके पर टेलीवाइज बयान में, पीएम नेतन्याहू ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह को चेतावनी दी कि अगर वो लेबनान में अपने बेस से युद्ध में एक नया मोर्चा खोलता है, तो "वह अपने जीवन की बड़ी गलती करेगा।"

इज़रायल-हमास युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब इस्लामी समूह हमास के लड़ाके गाजा पट्टी से निकलकर दक्षिणी इज़राइल में घुस गए।

इज़रायल के अनुसार, 1948 में इसके अस्तित्व के बाद से देश पर सबसे खराब हमले में, हमास के गुर्गों ने लगभग 1,400 लोगों की हत्या कर दी- जिनमें ज्यादातर इज़रीयली नागरिक थे। वहीं, 240 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया।

तेल अवीव: इजरायल ने रविवार को कहा कि गाजा पट्टी पर जमीनी हमले से उसने फिलिस्‍तीनी क्षेत्र को दो भागों में विभाजित कर दिया है और उस पर हमले किये जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने फिलिस्‍तीनियों के लिए मानवीय सहायता को लेकर मध्‍य पूर्व के दौरे के दौरान दबाव डाला था। सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा, इजरायली सेना ने "गाजा शहर को घेर लिया है। अब वहां एक दक्षिणी गाजा और एक उत्तरी गाजा मौजूद है।"

उन्होंने यह बात तब कही जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक, इराक और साइप्रस के तूफानी दौरे पर गाजा में संकटग्रस्त नागरिकों की सहायता और इजरायल के गाजा युद्ध के जवाब में अमेरिकी सैनिकों पर ईरान समर्थित समूहों के हमलों को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया है। ब्लिंकन ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की, जिन्होंने गाजा में "नरसंहार" की निंदा की है, जहां हमास संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चार सप्ताह से अधिक समय के युद्ध में कम से कम 9,770 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।

वाशिंगटन: हमास-इस्राइल का युद्ध जारी है। इस्राइली सेना लगातार हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। इसी बीच व्हाइट हाउस के गेट पर कई फलस्तीनी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि गाजा में तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम हो। साथ ही प्रदर्शनकारियों द्वारा अमेरिका की इस्राइल को दी जा रही सहायता को बंद करने की मांग है।

'फलस्तीन आजाद होगा' के सड़कों पर लगे नारे

फलस्तीनी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान व्हाइट हाउस को लाल रंग पोत दिया। इस दौरान वाशिंगटन डीसी शहर के सड़कों में लम्बा जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा 'नदी से समुद्र तक फलस्तीन आजाद होगा' जैसे नारे लगाए गए। फलस्तीनी झंडों के साथ काले और सफेद कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा लोग थे। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में बह रहे खून के खेल को प्रतीकात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए व्हाइट हाउस के गेट पर लाल रंग छिड़क दिया।

काठमांडू: नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टाराई ने पुष्टि की है कि सुबह 5 बजे (स्थानीय समय) तक एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार 36 लोगों की मौत दर्ज की गई है। वहीं जजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का ने बताया कि भूकंप में 34 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि अन्य जगहों पर भी लोगों के मारे जाने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि जाजरकोट और रुकुम पश्चिम नेपाल के सर्वाधिक भूकंप प्रभावित क्षेत्र हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नुकसान की पूरी जानकारी सुबह ही मिल सकेगी। प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई क्षति को लेकर दुख जताया है।

नेपाल पीएमओ ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट में कहा, "प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार रात 11:47 बजे जजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और घायलों के तत्काल राहत और बचाव के लिए 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।"

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