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गोंडा: उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हैवानियत का मामला अभी सुर्खियों में था ही कि गोंडा ज़िले में तीन दलित नाबालिग बहनों के ऊपर तेज़ाब फेंकने का मामला सामने आया है। उन्हें गोंडा के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। बड़ी बहन की उम्र क़रीब 17 साल है जो क़रीब 30 फीसद जल गयी है। मंझली लड़की की उम्र 12 साल है जो क़रीब 20 फीसद जल गई है और छोटी लड़की की उम्र 8 साल है जो 5-7 फीसद जली है। तीनों बहने अपने घर में एक ही कमरे में सो रही थीं। देर रात करीब 2 बजे तेज़ाब फेंकने वाला शख्स बाहर से छत के रास्ते घर में घुसा और तेज़ाब फेंक कर भाग गया। लड़कियों की चीख सुन कर उनके पिता उनके कमरे में पहुंचे तब उन्हें इसकी जानकारी हुई।

लड़कियों के पिता राम अवतार गांव में एक पेड़ के नीचे कपड़े प्रेस कर गुज़र-बसर करते हैं। उनका कहना है कि "बड़ी लड़की जो ज़्यादा जल गई है, उसकी शादी तय हो गयी थी और जल्दी ही शादी होने वाली थी। तेज़ाब के हमले से उसका चेहरा जल गया है। अब पता नहीं उसकी शादी कैसे होगी?"

 

मौके पर पहुंची पुलिस ने आस-पड़ोस के लोगों के बयान दर्ज किए। पुलिस की फॉरेन्सिक टीम और डॉग स्क्वाड भी मौके पर छानबीन कर रहा है। गोंडा के एस पी शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने मीडिया से कहा कि, "घर वालों ने तेज़ाब फेंकने के लिए किसी पर शक ज़ाहिर नहीं किया है। इसलिए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है, लेकिन शक है कि इसमें किसी जानने वाले का हाथ हो सकता है।"

 

 

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