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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री की तरह यूपी में भी मुख्यमंत्री सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। प्रश्न तो यह उठता है जब 2020 में भी मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित है कि प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं। अपराधियों के बुलंद हौसलों के आगे सरकार नतमस्तक है। 

अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूपी में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकार्ड का हिस्सा बनीं। 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए।

 

उन्होंने कहा कि ताजा घटनाओं का ही ब्यौरा लें तो भाजपा राज में भाजपाई नेता भी असुरक्षित है। गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गई। सच तो यह है कि प्रदेश में अपराधी रोज एक नया अध्याय गढ़ रहे हैं। तमाम वारदातों का पुलिंदा लेकर भाजपा सरकार मौन बैठी हुई है। कानून व्यवस्था बेलगाम है। चारों तरफ भय और आतंक है। मुख्यमंत्री के सभी दावे झूठे साबित हुए है।  

 

 

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