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मुजफ्फरनगर: रालोद ने अब सपा को साथ लेकर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। आज जहां मुजफ्फरनगर में रैली हुई, वहीं अब 12 अक्तूबर को मथुरा में रैली होगी, जिसकी घोषणा स्वयं जयंत चौधरी ने रैली में मंच से की। 

हाथरस में हुए लाठीचार्ज से जहां रालोद भावनात्मक रूप से जाट कार्ड खेलने में जुट गया है। वहीं, कृषि कानून को लेकर पश्चिमी क्षेत्र की किसान राजनीति को मथने की तैयारी हो गई है। जयंत चौधरी के साथ ही दीपेंद्र हुड्डा, अभय चौटाला और धर्मेंद्र यादव ने भी रैली में हाथरस कांड को छेड़ते हुए किसान बिल का मामला प्रमुखता से उठाया।

हरियाणा के नेताओं ने तो किसानों की ही बात प्रमुखता से रखी। सभी ने कृषि कानून को पूरी तरह किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं, हाथरस कांड के जरिये भाजपा के सुशासन के नारे को भी आइना दिखाने का प्रयास जनता के सामने किया।

 

मुजफ्फरनगर में रैली पहले से प्रस्तावित थी। हालांकि इस रैली में तब कृषि कानून को लेकर हुए आंदोलन के तहत दर्ज हुए मुकदमों का विरोध करना था, लेकिन चार अक्तूबर को जयंत चौधरी पर हाथरस में हुए लाठीचार्ज ने पूरा माहौल ही बदल दिया और मुजफ्फरनगर की यह रैली पश्चिम के एक बड़े क्षेत्र की रैली बन गई। इस रैली में आई भीड़ का उत्साह ही माना जाएगा कि जयंत चौधरी ने मंच से 12 अक्तूबर को मथुरा में भी लोकतंत्र बचाओ रैली की घोषणा कर डाली। 

 

 

 

 

 

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