मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के मांट टोल प्लाजा पर कार में पकड़े गए चार संदिग्ध हाथरस में कवरेज के बहाने माहौल बिगाड़ने जा रहे थे। इनका संबंध पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) संगठनों से है। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वहीं पुलिस ने एक कथित पत्रकार और तीन अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।
मथुरा पुलिस द्वारा हाथरस में शांति भंग करने जाते समय गिरफ्तार किए चारों संदिग्धों के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने और दंगा भड़काने की साजिश रचने, देशद्रोह, विदेशी फंडिंग का देश विरोधी गतिविधियों का संचालन करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में उपनिरीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बुधवार को थाना मांट में मुकदमा दर्ज कराया है। इसकी जांच थाना मांट प्रभारी भीम सिंह जावला को सौंपी गई है। बुधवार को चारों को सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने एफआईआर में बताया है कि ये लोग हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। वहीं कथित पत्रकार Carrd.co नामक वेबसाइट का संचालक है। इस वेबसाइट की फंडिंग को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि वेबसाइट की फंडिंग पारदर्शी नहीं है और दंगे भड़काने में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा था।
पकड़े गए लोगों के नाम अतीक उर रहमान पुत्र रौनक अली निवासी नगला थाना रतनपुरी मुजफ्फरनगर, सिद्दीकी पुत्र मोहम्मद चैरूर निवासी बेंगारा थाना मल्लपुरम केरल, मसूद अहमद निवासी जरवल थाना व कस्बा जरूर रोड जनपद बहराइच और आलम पुत्र लाइक पहलवान निवासी घेर फतेह खान थाना कोतवाली जनपद रामपुर हैं।
पुलिस ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और उनके पास से बरामद कुछ साहित्य जो राज्य की शांति और कानून व्यवस्था में बाधा डाल सकता था, को जब्त किया है। आरोपियों ने पूछताछ में पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया से लिंक होने की बात कबूल की है। एफआईआर के मुताबिक, आरोपियों के पास से कुछ पैम्फलेट भी मिले हैं, जिनपर लिखा है- 'मैं भारत की बेटी नहीं हूं। पुलिस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।