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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुश्किल वक्त में उनकी पार्टी प्रवासी मजदूरों के साथ है और पार्टी अपनी पूरी क्षमता से उनकी भरपूर मदद करेगी। अखिलेश ने गुरुवार को बताया कि लॉकडाउन के कारण रोजगार खो चुके तमाम प्रवासी श्रमिक भारी मुश्किलों का सामना करते हुए अपने घरों को लौट रहे हैं। सपा उनकी मदद के लिए शुरू से ही तत्पर रही और वह अब भी इस काम के लिए मुस्तैद है। उन्होंने बताया कि हम कोरोना महामारी के इस दौर में प्रवासी श्रमिकों और आम लोगों के लिए जितना कर सकते थे, कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ता और नेता भी अपने स्तर से लोगों की मदद कर रहे हैं। यह कोई एहसान नहीं है बल्कि फर्ज है। पार्टी अपनी पूरी क्षमता से श्रमिकों की मदद जारी रखेगी।' इस बीच, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा अध्यक्ष ने लॉकडाउन में अपने घर लौटने के दौरान दुर्घटनाओं में मारे गए प्रवासी श्रमिकों के परिजन को एक-एक लाख रुपए की मदद दी है। इनमें आगरा में कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ का परिवार भी शामिल है। पार्टी अब तक 45 परिवारों को 50 लाख रुपए वितरित कर चुकी है।

उन्होंने बताया कि गुड़गांव से बिहार के दरभंगा तक 1200 किलोमीटर का सफर साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर करने वाली लड़की ज्योति कुमारी को पार्टी ने एक लाख रुपए की सहायता दी है। वहीं, ललितपुर में राजा बेटी नामक गर्भवती प्रवासी श्रमिक को भी एक लाख रुपए की धनराशि मुहैया कराई गई है। नेता ने बताया कि पार्टी ने पिछले दिनों बहराइच में भारत नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड में जन्मे 'बॉर्डर' नामक लड़के के माता-पिता को 50 हजार रुपए की सहायता दी है।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को इस समय वित्तीय मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है और सरकार को उनकी खाली जेब में संतोषजनक मात्रा में धनराशि डालनी चाहिए ताकि उनका गुजर-बसर हो सके।

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