बाराबंकी: भाजपा सांसदों को संयम बरतने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार नसीहत देते हैं। लेकिन कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। यूपी में बाराबंकी की सांसद प्रियंका रावत ने एक प्रेस कांफ्रेंस में एडीशनल एएसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह पर भ्रष्ट और प्रापर्टी डीलिंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बहुत मलाई खाई है, सब निकलवा लेंगे, साथ ही खाल खिंचवा लेंगे। एएसपी ने उनकी बातों पर सफाई देनी चाही लेकिन उन्होंने धमकी भरे अंदाज में उत्तर दिया। शहर के एक रेस्टोरेंट में सांसद द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। यहीं सांसद प्रियंका सिंह रावत अचानक भड़क गई। एडीशनल एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने हत्या के एक मामले में आरोपियों को कई दिन से हिरासत में रखने के बावजूद जेल भेजने की सिफारिश मानने से इंकार कर दिया जिसके बाद वह भड़क गई और मीडिया के सामने ही एडीशनल एसपी की खाल खिंचवाने की धमकी देने लगी। राजधानी लखनऊ से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसे बाराबंकी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानंजय सिंह से कहे गए उनके कथित धमकी-भरे शब्दों के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर भी सांसद अपने शब्दों से नहीं पलटीं। प्रियंका सिंह रावत ने पत्रकारों से कहा, "पिछली सरकार में उन लोगों में बहुत कमा लिया है... अगर ढंग से काम नहीं करेंगे, तो खाल उतार देंगे।"
महिला सांसद ने कहा कि उन्होंने इस पुलिस अधिकारी को कत्ल के एक ऐसे मामले की जांच के सिलसिले में फोन किया था, जिसकी तहकीकात उनकी निगरानी में हो रही थी... फोन पर हुई बहस के दौरान पुलिस अधिकारी ने कथित रूप से सांसद से कहा, "मैं पुलिस वाला हूं... मुझे मालूम है, मैं क्या कर रहा हूं।" अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधिकारी का नाम लेते हुए प्रियंका सिंह रावत ने चेताया, "केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है, और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार... जो भी बढ़िया काम करेंगे, सिर्फ वही जिले में रहेंगे। अगर उनके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ, तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे, और उनका रिकॉर्ड भी चेक किया जाएगा।" उत्तर प्रदेश में एक-सवा महीना पहले नई सरकार ने कामकाज संभाला था, और तभी से कुछ सांसदों व विधायकों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे योगी आदित्यनाथ के साफ व प्रभावी सुशासन को लेकर दिए गए आदेशों की आड़ में अधिकारियों को डरा रहे हैं। पिछले ही सप्ताह भाजपा के एक सांसद पर बिना अनुमति लिए जुलूस निकालने और भीड़ की आड़ में एक पुलिस अधिकारी के घर को निशाना बनाकर उन्हें धमकाने का आरोप लगा था। दो ही दिन पहले भाजपा विधायक केसर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि वह एक बैंक मैनेजर द्वारा उन्हें तवज्जो नहीं दिए जाने पर मैनेजर को घसीटकर कार तक लाए थे, और उसकी पिटाई की थी... हालांकि केसर सिंह ने बैंक मैनेजर को पीटने के आरोप का खंडन किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, "इस सरकार और पार्टी का यही प्रयास है कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं तथा सांसदों-विधायकों द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा हमारी सरकार और उसके सांसद-विधायक न दोहराएं।"