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लखनऊ: प्रदेश सरकार ने मथुरा के जवाहर बाग कांड की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग को भंग कर दिया है। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। उद्यान विभाग के स्वामित्व वाले जवाहर बाग में 2 जून 2016 को हुई घटना की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिर्जा इम्तियाज मुर्तजा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था। इस घटना में जवाहर बाग परिसर से अवैध कब्जा हटवाने गए पुलिस बल पर हमला कर दिया गया था, जिसमें एक थानाध्यक्ष और एक अपर पुलिस अधीक्षक की मौत हो गई थी। प्रदेश सरकार ने आयोग से दो महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा था लेकिन आयोग जांच पूरी नहीं कर पाया। बाद में आयोग का कार्यकाल 31 मार्च 2017 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इसी बीच हाईकोर्ट ने इस घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी। आयोग भंग करने के संबंध में जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि घटना की सीबीआई जांच जारी रहने की स्थिति में आयोग को बनाए रखने की जरूरत नहीं है। अधिसूचना में कहा गया है कि जांच आयोग एक अप्रैल 2017 से अस्तित्वहीन हो गया है। आयोग से एक अप्रैल 2017 तक की जांच के आधार पर अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।

इसके साथ ही आयोग को उपलब्ध कराई गई अन्य सुविधाएं 20 अप्रैल तक वापस लौटाने को कहा गया है।

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