बेंगलुरु: कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को हो रहा उपचुनाव राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की किस्मत तय करेगा। हालांकि, राजनीतिक दलों को उपचुनाव में कम मतदान होने की संभावना है। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है। हालांकि, अब भी मास्की और आरआर नगर सीटें रिक्त रहेंगी।
कुल 37.78 लाख मतदाता देंगे वोट
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान के लिए योग्य हैं। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए हो रहे हैं। इन विधायकों में कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
भाजपा के पास अभी 105 विधायक
विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं। बसपा के भी एक विधायक हैं। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव लड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। गुरुवार को जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जेडीएस का कब्जा है।