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अहमदाबाद: सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी. जी. वंजारा और एन. के. अमीन को बृहस्पतिवार को आरोपमुक्त कर दिया। गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी। सीबीआई की विशेष अदालत के जज जे. के. पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है। इसलिए उनके खिलाफ चल रहा मामला खत्म किया जाता है।

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है।

 

मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, पाकिस्तानी मूल के अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को पूर्व आईजी वंजारा की टीम ने 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे। हालांकि बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला था कि यह फर्जी मुठभेड़ थी।

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