रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए योग्यता आयु 60 साल से घटाकर 50 साल करने और राज्य में अपने ऑफिस स्थापित करने वाली कंपनियों में 75 फीसदी नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का एलान किया है। सोरेन ने अपनी सरकार की चौथी वर्षगांठ पर यह घोषणाएं की हैं। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को फ्री कोचिंग देने की भी घोषणा की और केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक लाख छत्तीस हजार करोड़ दूसरे राज्यों को मिल रहा है, लेकिन हमें पैसा नहीं मिलता है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का सबसे गरीब राज्य है। यह कोरोना और सूखे से जूझता रहा है। यहां सबसे ज्यादा किसान और मजदूर रहते हैं। ऐसे राज्य के लिए आपदाएं अभिशाप के बराबर है। कोरोना के दौरान कई राज्यों में इंसानों की मौत हुई, लेकिन ऐसी स्थिति में झारखंड सरकार में कोई अफरातफरी नहीं हुई।
साथ ही सोरेन ने दावा किया कि झारखंड जैसे गरीब राज्यों ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की और महामारी के दौरान गरीब मजदूरों को बचाया गया, लेकिन दो मंत्रियों की जान चली गई।
गांव से चलेगी सरकार: सीएम सोरेन
उन्होंने भाजपा पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि झारखंड राज्य लड़कर मिला है, नवजात झारखंड को खड़ा करने के लिए जिन लोगों को बीस साल राज्य मिला, उनके कार्यकाल में किसान भूखों मरने लगे। डबल इंजन की भी सरकार बनाई, लेकिन सब सत्यानाश कर दिया। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपके आशीर्वाद से हम राज्य में हैं। यह सरकार दिल्ली से नहीं, राज्य के हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांव से चलेगी।
पशुपालन को बढ़ावा, बांटेंगे बीमाकृत भैंस
सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड में इस बार बीमाकृत भैंस बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य का पशुधन पर इसलिए जोर है कि हमारे देश में मांस की खपत ज्यादा है। यह ज्यादातर दूसरे राज्यों से आता है, इसलिए पशुपालन को हम बढ़ावा दे रहे हैं।