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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में बैठने के मामले से परेशान छात्रों से आज भावनात्मक अपील की। नीट परीक्षा को लेकर एक सप्ताह में छात्रों के आत्महत्या के तीन मामले सामने आ चुके हैं। तमिलनाडु में आज कथित तौर पर 17 वर्षीय एक लड़की ने परीक्षा को लेकर आत्महत्या कर ली। बताया गया है कि नीट 2021 की परीक्षा देने वाली 17 वर्षीय लड़की इसे पास करने को लेकर चिंतित थी। उसने 12वीं कक्षा में 84.9 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। अगले दिन होने वाली परीक्षा से कुछ घंटे पहले उसकी मौत और रविवार को 19 वर्षीय लड़के की मौत के बाद सामने आई है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य में 15 चिकित्सा उम्मीदवारों ने आत्महत्या की है।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपनी अपील में कहा, "मैं आपसे विनती करता हूं, कृपया अपने जीवन को समाप्त न करें। आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। उस आत्मविश्वास के साथ अध्ययन करें। माता-पिता को भी बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए और उन्हें तनाव नहीं देना चाहिए।"

उन्होंने घबराए हुए बच्चों को 104 डायल कर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "नीट छात्रों के लिए खोले गए छोटे से अवसर को बंद कर देता है। केंद्र सरकार पत्थर दिल है। यह झुकने को तैयार नहीं है। हम नीट को खत्म करने की पूरी कोशिश करेंगे।"

तमिलनाडु ने मेडिकल कोर्स में नीट आधारित प्रवेश पर रोक लगाने के लिए सोमवार को एक नया विधेयक पारित किया। हालांकि, यह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बिना प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि यह एक केंद्रीय कानून को चुनौती देता है।

नीट को यूपीए शासन के दौरान पेश किया गया था जब स्टालिन की डीएमके इसका हिस्सा थी। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एमके करुणानिधि- स्टालिन के पिता- राज्य को नीट से छूट देने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करने में कामयाब रहे थे।

 

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