चंडीगढ़: खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह की तलाश के बीच उसके चाचा और ड्राइवर ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है। चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत ने खुद को पंजाब के महतपु में समर्पण किया। इस बीच, पंजाब में मोबाइल-इंटरनेट पर प्रतिबंध 24 घंटे और बढ़ाया गया। मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस पर रोक मंगलवार 21 मार्च दोपहर 12:00 बजे तक बढ़ाई गई।
अमृतपाल को पकड़ने का अभियान तेज
शनिवार को जब पुलिस खालिस्तानी नेता और उसके सहयोगियों का पीछा कर रही थी, तब अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह मर्सिडीज चला रहे थे। हरजीत सिंह ने कहा कि 15-16 किलोमीटर पीछा करने के दौरान वह और अमृतपाल अलग हो गए।
अब तक पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 112 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 34 को रविवार को गिरफ्तार किया गया है। 'वारिस पंजाब दे' ग्रुप के कई सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में दलजीत सिंह कलसी भी शामिल है, जो अमृतपाल सिंह के फाइनेंस को संभालता है।
अमृतपाल सिंह के चार टॉप के सहयोगियों को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया, उन पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आईजी पटियाला मुखविंदर सिंह ने बयान दिया कि 4 जिलों में हमने बरनाला, पटियाला, संगरूर, मालेरकोटला को सुरक्षा बढ़ाई है। इन जिलों में अर्धसैनिक बल और पंजाब पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है और फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है ताकि कोई शरारती तत्व इस तरह की घटना न कर सके। पंजाब में केंद्रीय एजेंसियों के आवंटन के कारण नाकाबंदी बढ़ा दी गई है और पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।
सोशल मीडिया पर वीडियो में एक खालिस्तानी समर्थक को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींचते हुए दिखाए जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने रविवार देर शाम ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को तलब किया था।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने अमृतपाल को पकड़ने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसे आखिरी बार शनिवार शाम जालंधर में मोटरसाइकिल पर तेजी से भागते देखा गया था। पुलिस ने उसकी कार को जब्त कर लिया, जिसमें कई दर्जन जिंदा कारतूस मिले।
पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा भी हाई अलर्ट पर है।
बता दें कि खालिस्तानी समर्थकों ने यूके की सड़कों पर प्रदर्शन किया. सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को लंदन में भारतीय उच्चायोग की इमारत पर चढ़ते और राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारते हुए दिखाया गया है।
खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि अमृतपाल सिंह ड्रग रिहैब सेंटर और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने के लिए कर रहा था।
अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज की गई जबकि जांलधर में दो प्राथमिकी दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले डब्ल्यूपीडी से जुड़े 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक डोजियर (ऐसी फाइल जिसमें किसी व्यक्ति, घटना या विषय पर विस्तृत जानकारी हो) तैयार किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि सिंह युवाओं को ‘खाड़कू' या मानव बम बनाने के वास्ते उन्हें तैयार करने में मुख्य रूप से शामिल था। सिंह पिछले साल कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान के हमदर्दों के कहने पर दुबई से भारत लौटा था।