चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लोकसभा चुनावों में मनमोहन सिंह को अमृतसर से प्रत्याशी बनाने की रिपोर्टों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि वह कभी इस सूची में नहीं थे। उन्होंने राज्य में चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) या किसी अन्य पार्टी के साथ किसी तरह की गठबंधन की बातचीत को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस को पंजाब में किसी गठबंधन की जरुरत नहीं है और ना ही वह इस के बारे में किसी पार्टी के साथ चर्चा कर रही है।
इससे पहले आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कहा कि उनकी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से अलग होकर बनी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब में गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही है। सोमवार (11 मार्च) को 77 वर्ष के हुए अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया। इस दौरान उन्होंने पंजाब में कांग्रेस की योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने यहां कहा, ''पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उम्मीदवारी के लिए कभी सूची में नहीं थे जैसा उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं।" पंजाब की पार्टी प्रभारी आशा कुमार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ सिंह ने रविवार को नयी दिल्ली में मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और कुछ खबरों के अनुसार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री से अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। कुछ खबरों में कहा गया कि मनमोहन सिंह अपनी उम्र के कारण चुनाव लड़ना नहीं चाहते।
संसदीय चुनावों में कांग्रेस के आयामों पर भरोसा जताते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी इन चुनावों को लेकर उत्साहित है जो इस बात से पता चलता है कि उसने सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र अहमदाबाद को चुना। पंजाब कांग्रेस के उम्मीदवारों पर एक सवाल के जवाब में अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगली बैठक इस सप्ताह के अंत में दिल्ली में हो सकती है। राज्य में पार्टी के स्टार प्रचारकों के बारे में उन्होंने कहा कि इन चुनावों में पार्टी के लिए अहम प्रचारकों के नाम पर फैसला लेने की जिम्मेदारी कांग्रेस हाई कमान की है।
यह पूछे जाने पर कि क्या नियंत्रण रेखा पार भारतीय वायु सेना का हवाई हमला केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा इस पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारतीय जवान हर रोज मारे जा रहे हैं। हवाई हमले अभी तक भारत पर पाकिस्तान समर्थित हमलों को रोक नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं के राजनीतिकरण की कोई कोशिश नहीं की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने इस पर खुशी जताई कि सीमा पर हाल के तनाव के बावजूद करतारपुर कोरिडोर परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है।