नई दिल्ली: एसवाईएल यानी सतलुज यमुना लिंक नहर के मामले में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। पंजाब सरकार ने कहा है कि जब समझौता हुआ था तब के हालात और अब के हालात में बहुत फर्क आ गया है। पंजाब में जो पानी है वह उसके लिए ही पूरा नहीं पड़ रहा है ऐसे में हरियाणा को पानी कैसे दे सकते हैं। पंजाब में पहले ही पानी में 16 फीसदी की कमी आ गई है। यह भी कहा कि रावी बेसिन के पानी पर हरियाणा का हक जताना गलत है। रावी बेसिन के पानी पर हरियाणा का कोई हक़ नहीं है। हरियाणा को अलग-अलग प्रोजेक्ट से पानी मिल रहा है। शारदा यमुना लिंक से हरियाणा को पानी मिल रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार का इस मामले में याचिका दाखिल करने का कोई अधिकार नहीं बनता। इस लिए हरियाणा सरकार की याचिका को खारिज किया जाए।
इस मामले में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन रिसीवर नियुक्त किए हैं, जो अपनी रिपोर्ट 31 मार्च को दाखिल कर सकते हैं। कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे।