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नई दिल्ली: आईआईटी खड़गपुर के 66 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इस कैंपस से निकलकर आपको सिर्फ अपना नया जीवन ही स्टार्ट नहीं करना है, बल्कि आपको देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले स्टार्ट अप भी बनाने हैं। इसलिए ये जो डिग्री, ये जो मेडल आपके हाथ में है, वो एक तरह से करोड़ों आशाओं का आकांक्षा पत्र है, जिन्हें आपको पूरा करना है।'

बताया गया था कि प्रधानमंत्री आज आईआईटी खड़गपुर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का भी उद्घाटन करेंगे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर द्वारा शिक्षा मंत्री के समर्थन से स्थापित किया गया है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 23 फरवरी, 2021 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी खड़गपुर के 66 वें दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संस्थान के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

पीएम ने छात्रों से कहा कि आपको इस संस्थान से स्नातक करने के बाद न केवल अपने भविष्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है, बल्कि वर्तमान पर नजर रखते हुए आपको हमारे राष्ट्र के भविष्य की देखभाल भी करनी है।

पीएम मोदी ने कहा, सरकार ने मैप और भू-स्थानिक डेटा को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स को नई आजादी मिलेगी

पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, आईआईटी खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में भी आईआईटी खड़गपुर के सॉफ्टवेयर समाधान देश के काम आ रहे हैं। अब हेल्थ टेक के फ्यूचरिस्टिक सोल्यूशंस को लेकर भी तेजी से काम करने की जरूरत है।

मोदी ने कहा, आज भारत उन देशों में से है जहां बहुत सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है। लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं। भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए जो इनवायर्नमेंट को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं।

पीएम मोदी ने कहा, '21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, जरूरतें भी बदल गई हैं और आकांक्षाएं भी बदल गई हैं। अब आईआईटी को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, इंस्टीटूट्स ऑफ़ इंडिजेनस टेक्नोलॉजीज के मामले में नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की जरूरत है।'

पीएम मोदी ने कहा, आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाजी के लिए कोई स्थान नहीं है। आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले। लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे।

पीएम ने कहा, जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे। जैसे- ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे। इन सवालों का उत्तर है- सेल्फ थ्री। सेल्फ अवेयरनेस, सेल्फ कॉन्फिडेंस और सेल्फलेसनेस। आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें।

पीएम मोदी ने कहा, इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आपमें विकसित होती है और वो है चीजों को पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की क्षमता। यानि एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है।

 

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