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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विश्व भारती यूनिविर्सिटी का दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी डिजिटल तरीके से इसमें शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी शामिल हुए। समारोह में पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति की खासियत से लेकर दुनिया में आतंक फैला रहे शिक्षित लोगों पर बात की। इसके अलावा बंगाल की ज्ञान संपदा को लेकर भी बोले। बता दें कि पश्चिम बंगाल में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसकी वजह से पीएम मोदी के इस संबोधन का काफी खास समझा जा रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, आप देखिए, जो दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, जो दुनिया में हिंसा फैला रहे हैं, उनमें भी कई हाईली लरनड, हाईली स्किल्ड लोग हैं। दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से दुनिया को मुक्ति दिलाने के लिए दिनरात प्रयोगशालाओं में जुटे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा, आपका ज्ञान, आपकी स्किल, एक समाज को, एक राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकती है और समाज को बदनामी और बर्बादी के अंधकार में भी धकेल सकती है।

इतिहास और वर्तमान में ऐसे अनेक उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा, जिस प्रकार, सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, उसी प्रकार हर विद्वान को, हर जानकार को भी उनके प्रति ज़िम्मेदार रहना पड़ता है जिनके पास वो शक्ति नहीं है। आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं बल्कि समाज की, देश की धरोहर है। 

पीएम मोदी ने कहा, अगर आपकी नीयत साफ है और निष्ठा मां भारती के प्रति है, तो आपका हर निर्णय किसी ना किसी समाधान की तरफ ही बढ़ेगा। सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती। हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं। वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं। 

उन्होंने कहा, भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है, उसका ऐहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए। 

मोदी ने कहा, बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश को नेतृत्व दिया। बंगाल, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रेरणा स्थली भी रहा है और कर्मस्थली भी रहा है। 

पीएम ने कहा, गुरुदेव ने विश्वभारती में जो व्यवस्थाएं विकसित कीं, जो पद्धतियां विकसित कीं, वो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने, उन्हें आधुनिक बनाने का एक माध्यम थीं। 

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत पर ब्रिटिश एजुकेशन सिस्टम थोपे जाने से पहले, थॉमस मुनरो ने भारतीय शिक्षा पद्धति और भारतीय शिक्षा व्यवस्था की ताकत देखी थी। उन्होंने देखा था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था कितनी वाइब्रेंट है।

उन्होंने कहा, आज महान गांधीवादी धरमपाल जी की जन्म जयंती भी है। उनकी एक रचना है- द ब्यूटीफुल ट्री- इंडिजेनस इंडियन एजुकेशन इन द एटटींथ सेंचुरी। आज आपसे बात करते हुए मैं इसका जिक्र भी करना चाहता हूं। इसी पुस्तक में विलियम एडम का भी जिक्र है, जिन्होंने ये पाया था कि 1830 में बंगाल और बिहार में एक लाख से ज्यादा विलेज स्कूल थे।

पीएम मोदी ने कहा, इस दीक्षांत समारोह में भाग लेना प्रेरणादायक और आनंदमय है। अच्छा होता अगर मैं आज व्यक्तिगत रूप से समारोह में भाग लेने के लिए आता, लेकिन नए नियमों (कोविड19) के कारण मैं इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले रहा हू।

प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। राज्यपाल विश्वभारती के रेक्टर भी हैं।

दीक्षांत समारोह सुबह 9.30 बजे शांति निकेतन परिसर के आम्र कुंज में शुरू होगा और ढाई घंटे तक चलेगा। समारोह में सीमित संख्या में छात्र भी मौजूद रहेंगे।

कुल 2,535 छात्र समारोह के दौरान अपनी डिग्री प्राप्त करेंगे। विस्वा-भारती की स्थापना 1921 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी और यह देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय है।

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