ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में कुछ वक्त ही रह गया है, इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक की इंदिरा कैंटीन और तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर 'मां किचन' शुरू किया है। इस किचन में लोगों को ऊंचे सब्सिडी दामों पर पोषणभरा खाना मिलेगा। मां किचन की थाली में लोगों को महज 5 रुपए में चावल, सब्जी, दाल और एक अंडा मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस स्कीम को चुनावी स्टंट बताकर खारिज कर दिया है। हालांकि, इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने भी इस ओर ध्यान दिलाया है कि चुनावों से कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं। अपनी इस नई योजना के लॉन्चिंग पर सचिवालय- नबन्ना- में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'यह मां किचन है। हमें अपनी मां पर गर्व हैं। जहां भी कोई मां होगी वहां चीजें अच्छी होंगी। हम सब अपनी माओं को सलाम करते हैं।'

बता दें कि ममता बनर्जी की यह तीसरी गरीबों को ध्यान में रखकर लाई गई योजना है। इसके पहले वो फ्लैगशिप योजनाएं- दुआरे सरकार (सरकार आपके दरवाजे पर) और स्वास्थ्य साथी (हेल्थ इंश्योरेंस की योजना) शुरू कर चुकी हैं।

सोमवार से इन योजनाओं को कोलकाता में शुरू किया गया है, जिसे पूरे राज्य में शुरू किया जाएगा।

मीडिया ने योजना के कुछ लाभार्थियों से मां किचन के बारे में सवाल पूछे तो उन्होंने खुशी जताई और आशा जताई कि अगर ये योजना सालभर चले तो उन्हें बहुत मदद मिलेगी। एक ने कहा कि 'मैं सुबह में काम के लिए निकलता हूं। यह किस्मत है कि पांच रुपए में खाना मिल रहा है।' वहीं दूसरे ने कहा कि 'हम अगर बस सब्जी, चावल खरीदते हैं तो 25 रुपए लगते हैं। लेकिन भरोसा नहीं हो रहा कि पांच रुपए में पूरा खाना मिल रहा है। अगर पूरा साल मिले तो अच्छा हो।'

भाजपा गुस्साई

भाजपा ने इस घोषणा पर सरकार पर हमला किया है। बंगाल भाजपा के चीफ दिलीप घोष ने कहा कि 'बंगाल के लोगों के पास खाना खरीदने तक के पैसे नहीं है, इसलिए उनको मां कैंटीन चलानी पड़ रही है ताकि उन्हें पांच रुपए में खाना मिल सके। उन्होंने साबित कर दिया है कि वो असफल रही हैं। लोग भिखारी बन गए हैं और उन्हें पांच रुपए में खाना खिलाना पड़ रहा है।'

तृणमूल ने इस पर पलटवार कहते हुए कहा कि भाजपा को बस चुनावों के वक्त ही बंगाल की याद आती है।

पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहद हाकिम ने कहा कि 'प्रधानमंत्री बस चुनावों के वक्त ही इतनी बार यहां क्यों आते हैं? वो यहां परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए आए हैं। वो लोग फालतू के सवाल उठा रहे हैं। यह कोई चुनावी थाली नहीं है। कन्याश्री, रूपाश्री, स्वास्थ्य साथी सभी योजनाएं अच्छे से काम कर रही हैं।'

मुख्यमंत्री ने यहां पर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिसमें एक आईटी पार्क भी शामिल है।

बता दें कि अप्रैल-मई में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। संभावना है कि चुनाव आयोग इस महीने के अंत तक राज्य में चुनावी तारीखों की घोषणा कर देगा। एक बार चुनावी आचार संहिता के लागू हो जाने के बाद कोई परियोजना, योजना या घोषणा लागू नहीं की जा सकती।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख