नई दिल्ली: कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर हुए समारोह में "जय श्री राम" को नारे को लेकर एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है। ममता ने भाजपा पर रबींद्र नाथ टैगोर, क्रांतिकारी संथाल नेता बिरसा मुंडा जैसे बंगाल के सभी सांस्कृतिक नायकों का अपमान करने का आरोप लगाया है।
ममता ने सोमवार को एक समारोह में कहा, मैं उस कार्यक्रम में गई थी और कुछ उग्र, उन्मादी विद्रोहियों ने मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चिढ़ाने की हिम्मत दिखाई। वे मुझे नहीं जानते हैं। अगर आप मुझे बंदूक दिखाएंगे तो मैं हथियारों का भंडार दिखाऊंगी। लेकिन मैं बंदूक की राजनीति में यकीन नहीं करती हूं। "आपने नेताजी का अपमान किया। आपने टैगोर के जन्मस्थान की गलत जानकारी दी। आपने ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी। आपने एक गलत प्रतिमा पर माला चढ़ा दी, यह समझकर की कि वह बिरसा मुंडा थे। बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस हमले के सहारे विधानसभा चुनाव में बाहरी बनाम भूमिपुत्र की बहस को हवा देने की कोशिश की है।"
विक्टोरिया मेमोरियल पर 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर हुए समारोह में पीएम मोदी, राज्यपाल जगदीपधनखड़, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमाम अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री के संबोधन के पहले जब ममता बोलने के लिए खड़ी हुईं तो वहां भीड़ की ओर से "जय श्री राम" के नारे लगाए गए। इससे नाराज ममता ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम की मर्यादा के खिलाफ है। आप किसी को बुलाकर इस तरह बेइज्जत नहीं कर सकते। इतना कहने के बाद जय हिन्द, जय बांग्ला बोलते हुए वह मंच छोड़कर चली गईं।