कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस में उथल-पुथल का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। एक के बाद एक कई नेपा पार्टी को अलविदा कह चुके हैं तो शुक्रवार को पार्टी ने एक विधायक को पार्टी से निकाल दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने तृणमूल सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि तृणमूल कांग्रेस ने विधायक बैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया है। बेल्ली से विधायक डालमिया टीएमसी नेतृत्व के एक वर्ग के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी बात रख चुकी हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि 'पार्टी में ईमानदार लोगों के लिये कोई जगह नहीं है।'
टीएमसी ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसकी अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें डालमिया को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। इससे कुछ ही घंटे पहले तृणमूल के ही वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। डालमिया ने बनर्जी के इस्तीफे के लिए भी पार्टी नेतृत्व की आलोचना की। डालमिया बीते कुछ दिनों से अपनी ही पार्टी के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए थीं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि तृणमूल के कुछ भ्रष्ट नेता दीमक की तरह पार्टी को चट कर रहे हैं।
पार्टी ने नहीं दी निकाले जाने की सूचना: बैशाली
उधर, बैशाली डालमिया ने इसे लेकर कहा है कि पार्टी की ओर से उन्हें अभी तक निकाले जाने की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, मेरे पास कुछ लिखित में नहीं आया है, कोई फोन कॉल नहीं आई है। मुझे एक चैनल के जरिए ये बात पता चली। मुझे पता नहीं है कि ये कैसी व्यवस्था है कि कोई चिट्ठी नहीं आती है, फोन करके नहीं बताया जाता है। मैं राजनीति में जनता की सेवा करने के लिए आई थी। मैंने जनता का काम करने के लिए एक पार्टी ज्वाइन की थी। जनता की सेवा करना ही मेरी प्राथमिकता है। मैं राजनीति में रहूंगी, जनता के साथ रहूंगी।
बंगाल में ममता का कोई विकल्प नहीं: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा 'किराए पर लिए गए लोगों' द्वारा संचालित की जा रही है और पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोई विकल्प नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा ऐसे लोगों का ठिकाना बन गई है जोकि पार्टी के प्रति वफादारी नहीं दिखा पाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किराये के लोग चला रहे हैं... तृणमूल कांग्रेस एक विशाल वृक्ष है, अगर दो-तीन पत्तियां गिर भी जाएं तो वृक्ष पर फर्क नहीं पड़ता। मंत्री ने कहा कि कार्यकर्ता ममता बनर्जी के साथ हैं। राज्य में उनका कोई विकल्प नहीं है।
वन मंत्री राजीव बनर्जी के राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिए जाने के सवाल पर चटर्जी ने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना। वे क्यों आए और क्यों गए, मैं नहीं जानता। उन्होंने अपने कार्यकाल में सत्ता का आंनद लिया और चुनाव के करीब आते ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं, कुछ दिन बाद उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा।